हिंदू धर्म में सुंदरकांड का बहुत महत्व है,सुंदरकांड का पाठ करने से बहुत से लाभ मिलते हैं। इसका पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उनके सारे कष्ट दूर करते हैं।
सुंदरकांड श्रीरामचरितमानस का पांचवां खंड है, जिसमें हनुमान जी के लंका प्रस्थान से लेकर लंका दहन तक की कहानी लिखी है।
सुंदरकांड का पाठ करने से बहुत से लाभ मिलते हैं, इस खंड का पाठ रोजाना करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
सुंदरकांड का पाठ करने से पहले स्नान करें और फिर पूजा के लिए बैठें तथा हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू करें। हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
सुंदरकांड का पाठ 21 दिनों तक लगातार करना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
सुंदरकांड का पाठ करने से परिवार के लोगों के बीच प्यार बढ़ता है और परिवार में सुख-शांति आती है। इसके साथ ही हनुमान जी की कृपा बरसती है।
सुंदरकांड का पाठ रोजाना करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही मन का भय दूर होता है।
मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है, समूह में बैठकर भी सुंदरकांड का पाठ किया जा सकता है।
सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें naidunia.com