21 मार्च की रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया। अब सवाल खड़ा होता है कि शराब घोटाले में केजरीवाल का नाम कैसे आया।
दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू हुई थी। इस नीति के लागू होने के बाद 100 फीसदी शराब के ठेके निजी हाथों में चले गए। जी हां, यह वही नीति है जिसके बाद शराब और बीयर पर ऑफर की झड़ी लगी थी।
दिल्ली सरकार नई नीति की वजह से विवादों में फंस गई थी। इसके बाद 1 सितंबर 2022 को पुरानी एक्साइज पॉलिसी को ही लागू कर दिया गया। दरअसल, जुलाई में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने पूरे मामले में CBI जांच की मांग की थी।
अप्रैल 2023 में सबसे पहले अरविंद केजरीवाल का नाम कथित घोटाले से जुड़ा। दरअसल, 14 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी की तरफ से जानकारी दी गई कि सीएम को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया और केजरीवाल हाजिर भी हुए थे।
ईडी ने सीएम केजरीवाल पर शराब नीति घोटाले में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय का यह भी कहना है कि AAP ने घोटाले के पैसों का इस्तेमाल गोवा चुनाव अभियान में किया था।
ईडी ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू के बयान के जरिए कहा है कि नई आबकारी नीति केजरीवाल के दिमाग की उपज थी। आरोप तो यह भी है कि विजय नायर ने फेसटाइम की मदद से महेंद्रू से केजरीवाल की बात करवाई थी।
अरविंद केजरीवाल को इस मामले में सबसे पहले 2 नवंबर को समन जारी किया गया था। ईडी की तरफ से एक के बाद एक 9 समन जारी किए। सीएम केजरीवाल पेश नहीं हुए और उन्होंने इन समन को गैरकानूनी बताया था।
दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से कथित शराब घोटाले का खुलासा हुआ। इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया गया था।
आज हमने जाना कि शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल का नाम कैसे शामिल हुआ। ऐसी ही अन्य देश दुनिया की खबरों के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ