Kartik Maas 2024: कार्तिक मास की शुरुआत, इसमें दीपदान का है महत्व... 29 दिन बनेंगे कई शुभ योग
कार्तिक मास की शुरुआत आज से हो गई है, यह 15 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान दीपावली सहित कई प्रमुख त्योहार आ रहे हैं। कार्तिक मास में दीपदान का महत्व सबसे ज्यादा है। वहीं इस दौरान कई शुभ योग भी बनेंगे।
By Prashant Pandey
Publish Date: Fri, 18 Oct 2024 08:06:51 AM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Oct 2024 12:02:30 AM (IST)
भगवान श्री हरि को सबसे प्रिय है कार्तिक मास। HighLights
- कार्तिक मास जप-तप और दान-पुण्य के लिए भी काफी शुभ माना जाता है।
- कार्तिक मास में मंगल, बुध, शुक्र ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, शनिदेव होंगे मार्गी।
- इस मास में पवित्र नदियों में स्नान के साथ इसमें दीपदान का भी महत्व है।
रामकृष्ण मुले. नईदुनिया, इंदौर(Kartik Maas Ka Mahatva)। दीप दान, स्नान-पूजन, जप-तप के साथ व्रत त्योहार का 29 दिनी कार्तिक मास 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रहेगा। इसमें हर ओर पंच पर्व धन तेरस, रूप चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज का उजास छाएगा।
करवाचौथ, छठ पूजा और देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा भी आएगी। देव उत्थान एकादशी पर चातुर्मास के समापन के साथ चार मास की योग निद्रा से भगवान श्रीहरि विष्णु जागेंगे और मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश होगा।
नदियों में स्नान का विशेष महत्व
खजराना स्थित काली मंदिर के आचार्य शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास के अधिपति भगवान विष्णु हैं। इसलिए इस मास में उनकी पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस मास में गंगा सहित अन्य पुण्य सलिलाओं में स्नान करने के साथ दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा कार्तिक मास में मां तुलसी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस मास में मंदिर, नदी और तालाब पर दीप दान करना चाहिए।
दीप जलाने से दूर होती नकारात्मक ऊर्जा
कार्तिक मास के दौरान दीप दान करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है। इस मास में सूर्य अपनी नीच राशि तुला में रहते हैं जिससे वातावरण में अधिक अंधकार के साथ नकारात्मक ऊर्जा व्याप्त होती है। ऐसे में दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। राधा-गोविंद मंदिर निपानिया में पूरे महीने दीप दान किया जाएगा। - महामन प्रभु, अध्यक्ष इस्कान मंदिर इंदौर
ये प्रमुख व्रत त्योहार आएंगे
- 20 अक्टूबर : करवा चौथ
- 21 अक्टूबर : रोहिणी व्रत
- 24 अक्टूबर : गुरु पुष्य
- 28 अक्टूबर : रमा एकादशी
- 29 अक्टूबर: धनतेरस
- 30 अक्टूबर : नरक चतुर्दशी
- 31 अक्टूबर : दीपावली, महालक्ष्मी पूजा
- 1 नवंबर : गोवर्धन पूजन
- 2 नवंबर : भैया दूज
- 6 नवंबर : सौभाग्य पंचमी
- 7 नवंबर : छठ पूजा
- 9 नवंबर : गोपाष्टमी
- 12 नवंबर : देवउत्थान एकादशी
- 14 नवंबर: वैकुंठ चतुर्दशी
- 15 नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली
कार्तिक मास में प्रमुख शुभ योग
- 18 अक्टूबर : सर्वार्थसिद्ध योग सुबह 6.29 से दोपहर 1.27 बजे तक।
- 21 अक्टूबर : अमृतसिद्ध योग 6.50 से रात 2.29 बजे तक।
- 22 अक्टूबर : रवियोग दिन-रात।
- 30 अक्टूबर : सर्वार्थसिद्ध योग सुबह 6.35 से रात 8.50 बजे।
- 4 नवंबर : रवियोग सुबह सुबह 8.06 बजे से।
- 12 नवंबर : सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 7.52 बजे से दिवस पर्यंत।
प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन
- 20 अक्टूबर: मंगल कर्क में दोपहर 12.19 बजे से।
- 21 अक्टूबर: बुध का उदय पश्चिम में शाम 7.41 बजे।
- 31 अक्टूबर :बुध वृश्चिक में रात 10.39 से।
- 6 नवंबर : शुक्र धनु में रात 3.32 बजे।
- 15 नवंबर : शनि मार्गी शाम 7.52 बजे।