धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में हर साल बसंत पंचमी पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती माता की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे यहां बसंत पंचमी पर बनने वाले दुर्लभ योग और इनके शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी। सरस्वती जी की पूजा के लिए शुभ समय 5 घंटे मिलेंगे। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। पौराणिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती प्रकट हुई थी और संसार में ज्ञान का प्रवाह शुरू हुआ था। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि, विवेक और गुण-ज्ञान की प्राप्ति होती है।
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रेवती नक्षत्र और अश्विनी नक्षत्र सहित कई दुर्लभ संयोग निर्मित हो रहे हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, 14 फरवरी को मकर राशि में बुध, मंगल और शुक्र एक साथ रहेंगे। ऐसे में त्रिग्रही योग रेवती नक्षत्र में निर्मित हो रहा है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि बसंत पंचमी तिथि से ही अक्षराम्भ, विद्या आरंभ करना शुभ होता है।
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