नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार से शुरू होगा। इस दिन भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ और फलदायी माना जाता है।
त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनिट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 30 अक्टूबर को दोपहर बाद एक बजकर 15 मिनट पर होगा। धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत गोधूल काल में मंगलवार 29 अक्टूबर शाम छह बजकर 31 मिनट से आठ बजकर 13 मिनट तक रहेगी।इस तरह धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी, गणेश और कुबेर जी की पूजा के लिए कुल एत घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है।इस दिन भगवान धन्वंतरी और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है। धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदते हैं।
धनतेरस के दिन पूजा पाठ के साथ ही खरीदारी का भी विशेष महत्व है।इस दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। इस बार 29 नवंबर को सुबह 10बजकर 34 मिनिट से अगले दिन दोपहर एक बजे तक खरीदारी कर सकते हैं।
धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में धन्वंतरि देव के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की तस्वीर या मूर्ति स्थापना करें। इसके बाद कुबेर देव और धन्वंतरि देव की पूजा करें।फिर घी का दीपक जलाएं और शाम में द्वार पर भी दीपक जलाएं. धनतेरस के धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।उसके बाद मंत्रों का जाप करें और आरती करें।