Gayatri Mantra: सनातन धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के मंत्रों की रचना की गई है। इन मंत्रों को सिद्ध करने से ईश्वर की संपूर्ण कृपा प्राप्त होती है। आज हम गायत्री मंत्र की बात करेंगे। यह एक ऐसा महा मंत्र है जिसके जाप से परम पिता परमेश्वर देवादि देव महादेव भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है। इस मंत्र के नियमित जाप से लंकापति रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न किया था। गायत्री मंत्र भगवान शिव के अतिरिक्त मां गायत्री और सूर्य देव को भी समर्पित है। इस मंत्र की शक्ति से मन को नियंत्रित किया जा सकता है। यह महा मंत्र आपके जीवन के सभी कष्टों को दूर कर देता है।
गायत्री मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना जाता है और किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र में अनेक शक्तियां विद्यमान हैं जिनका अहसास आपको इसका जाप करने के बाद ही होगा। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके परम् भक्त रावण ने गायत्री मंत्र की रचना की थी। ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा ऋग्वेद में भी इस मंत्र को उल्लेखित करवाया गया था। लेकिन इस मंत्र से जुड़े दो कथन है पहला इस मंत्र का जाप महिलाओं के लिए वर्जित है। दूसरा पुरूषों को बिना यगोपवित धारण किए गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
महिलाओं के लिए वर्जित है गायत्री मंत्र का जाप
वैदिक पद्धति के अनुसार, गायत्री मंत्र शिव, ब्रह्मा, वसिष्ठ, शुक्रचार्य एवं विश्वामित्र द्वारा शापित है। दरअसल, इस मंत्र का गलत प्रयोग ना हो इसलिए इस मंत्र को शापमुक्त कर ही मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप से पहले इसकी शाप विमोचन विधि का पालन किया जाता है। शाप विमोचन विधि के बिना गायत्री मंत्र का जाप करने से सिर्फ मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। लेकिन आपको किसी प्रकार की सिद्धि या उपलब्धि प्राप्त नहीं हो सकती। गायत्री मंत्र को शाप विमोचन विधि के बिना सिद्ध नहीं किया जा सकता है। सामान्य तौर पर 90 फीसदी लोग गायत्री मंत्र का जाप साधारण करते हैं। इसलिए इस मंत्र का पूर्ण फल उन्हें कभी प्राप्त नहीं होता है।
इस मंत्र से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इनमें से एक तथ्य है स्त्रियों का गायत्री मंत्र का जाप न करना। शास्त्रों के अनुसार स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। इस तथ्य के पीछे धर्म के साथ-साथ चिकित्सकीय कारण भी है। मान्यता है कि सदियों पहले स्त्रियां भी जनेऊ धारण करती थीं और पुरुषों की भांति धार्मिक कार्यों में हिस्सा भी लेतीं थीं। लेकिन कुछ समय के पश्चात् स्थिति बदल गई। स्त्रियों के गायत्री मंत्र का जाप न करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण महिलाओं को होने वाला मासिक धर्म है। हिंदू धर्म के अनुसार मासिक धर्म के दौरान स्त्रियों को किसी भी तरह के धार्मिक कार्य और पूजा में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। इसलिए स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
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