Swastik Sign: सनातन धर्म में स्वस्तिक चिह्न को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी भी बड़े अनुष्ठान या हवन से पहले स्वस्तिक चिह्न निश्चितरूप से बनाया जाता है। यह चिह्न न केवल शुभता का प्रतीक है, बल्कि इसे बनाने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता। इसके साथ ही इससे देवी-देवता भी होते हैं। मान्यताओं के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक चिह्न बनाने से व्यक्ति के जीवन में और परिवार सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, स्वस्तिक चिह्न से सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं। आइए जानते हैं, क्यों स्वस्तिक चिह्न को माना जाता है अत्यंत शुभ।
स्वस्तिक शब्द तीन भिन्न शब्दों के मेल से बना है। 'सु' का अर्थ शुभ है, 'अस' अर्थात अस्तित्व और 'क' का मतलब है कर्ता। इसलिए इस शब्द का पूरा अर्थ है मंगल करने वाला। शास्त्रों में इसे भगवान श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में जिस तरह इन्हें सबसे पहले पूजा जाता है उसी तरह स्वस्तिक को मंगल कार्य शुरू करने से पहले बनाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में स्वस्तिक चिह्न के कई फायदे बताए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली के दिन स्वस्तिक चिह्न को तिजोरी पर बनाने से धन की कमी दूर हो जाती है और तिजोरी कभी खाली नहीं रहती है। इसलिए जो लोग नौकरी या व्यापार में घाटा अनुभव कर रहे हैं उन्हें ईशान कोण में लगातार सात गुरुवार सूखी हल्दी से स्वस्तिक का चिह्न बनाना चाहिए। इससे उन्हें सफलता प्राप्त होगी। वास्तु में भी इसके महत्व के विषय में विस्तार से बताया गया है।
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