Shani Dosh Remedies: शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। वह भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। कहा जाता है कि यदि शनिदेव का प्रकोप किसी पर पड़ जाए तो परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर कृपा हो तो उसे रंक से राजा बनने में देर नहीं लगती। कई बार लोग अनजाने में ऐसा कुछ कर जाते हैं। जिससे उन्हें शनिदेव की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। अब सवाल यह है कि गलतियों का पता कैसे लगाया जाए। दरअसल जब शनिदेव क्रोधित होते हैं। उनकी नाराजगी कुछ संकेत देती है। आइए जानते हैं इस बारे में।
निश्चित दिनों में काम में अड़चन
शनिदेव कर्म के अनुसार फल देते हैं। शास्त्रों में शनि को ग्रह की उपाधि दी गई है। अगर आपका काम किसी खास दिन ही खराब हो जाता है। उदाहरण के लिए यदि शनिवार के दिन आपके द्वारा किए गए कार्यों में बाधाएं आ रही हैं, तो यह शनि के अप्रसन्न होने का कारण हो सकता है।
बिजली के उपकरणों की खराबी
अगर घर में लगातार बिजली के उपकरण खराब हो रहे हैं, तो यह शनि देव की नाराजगी का संकेत है। ऐसी चीजें अशुभ घटनाओं की ओर इशारा करती हैं।
दूसरों के अधिकार छीन लेना
हर आदमी अपने कर्म करता है और फल पाता है। इसलिए मनुष्य को उसके परिश्रम का फल मिलना चाहिए। कई लोग जबरदस्ती और डरा-धमकाकर दूसरों का पैसा या संपत्ति हड़पना चाहते हैं। ऐसे लोगों के साथ शनिदेव कठोर होते हैं।
शनि को प्रसन्न करने के उपाय
1. हमेशा अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव प्रसन्न रहते हैं। ऐसे में आप कुछ उपाय करके शनि की नाराजगी दूर कर सकते हैं। बड़ों का सम्मान, जरूरतमंदों की मदद करने और शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव की नाराजगी दूर हो सकती है।
2. नीलम या जामुनिया रत्न सवा पांच रत्ती का धारण करना चाहिए। उसे पंचधातु में जड़वाकर शनिवार के दिन शोडषोपचार पूजा व प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। आप चाहे तो रात्रि में गाय के कच्चे दूध में रखकर प्रातःकाल गंगा जल में पवित्र करके धारण किया जा सकता है।
3. जड़ी-बूटियों से भी शनि देव को अनुकूल किया जा सकता है। शनिवार को जब पुष्य नक्षत्र हो तो बिछुवा बूटी की जड़ और शमी की जड़ को काले धागे में बांधकर दाहिनी भुजा में धारण करने से शनि का प्रकोप कम होने लगता है।
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