धर्म डेस्क, इंदौर। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कल्कि धाम का शिलान्यास करने जा रहे हैं। इस मंदिर में कई खासियत है, इसलिए इसे दुनिया को अद्भुत और अनोखा मंदिर भी बताया जा रहा है। इस कल्कि मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एंकरा कंबोह इलाके में किया गया है।
इस कल्कि धाम मंदिर की खासियत ये है कि इस मंदिर में एक नहीं, बल्कि 10 गर्भगृह होंगे। इस सभी गर्भगृहों में भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों को स्थापित किया जाएगा। कल्कि धाम मंदिर का निर्माण गुलाबी रंग के पत्थरों से किया गया है।
कल्कि धाम मंदिर का निर्माण भी उन्हीं गुलाबी पत्थरों से किया गया है, जिससे अयोध्या का राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी व 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनाया जाएगा। मंदिर के निर्माण में लोहे या स्टील का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया गया है।
सनातन धर्म ग्रंथों में यह मान्यता है कि जब भी दुनिया पाप और अन्याय बढ़ जाता है कि भगवान विष्णु पापियों के नाश के लिए अवतार लेते हैं। पौराणिक ग्रंथों में जगत के पालनहार भगवान विष्णु के दशावतारों का उल्लेख मिलता है। इसमें वामन अवतार, नरसिंह अवतार, मत्स्य अवतार, राम अवतार, कृष्ण अवतार अभी तक हो चुके हैं। पौराणिक मान्यता है कि कलयुग की समाप्ति पर अंतिम अवतार के रूप में भगवान विष्णु कल्कि के रूप में प्रकट होंगे और पापियों का अंत करेंगे। कल्कि अवतार हमेशा से रहस्यमयी रहा है। श्रीमद्भगवद्गीता पुराण के 12वें स्कंध में कलयुग के अंत और सतयुग के संधि काल में भगवान के इस रूप के अवतार के बारे में जिक्र मिलता है। इस संबंध में जो श्लोक लिखा गया है, वह इस प्रकार है -
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
इस श्लोक के मुताबिक, संभल में भगवान कल्कि का जन्म विष्णुयश नाम के एक श्रेष्ठ ब्राह्मण के बेटे के रूप में होगा। यह भी मान्यता है कि कल्कि अवतार को खुद भगवान परशुराम खड्ग देंगे व भगवान बृहस्पति उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी करेंगे।
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