यहां है विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का मरौदा गांव जहां घने जंगलों बीच है, प्राकृतिक शिवलिंग जो की भूतेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है।
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Publish Date: Fri, 16 Jan 2015 03:08:29 PM (IST)
Updated Date: Thu, 22 Jan 2015 01:19:02 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का मरौदा गांव जहां घने जंगलों बीच है, प्राकृतिक शिवलिंग जो की भूतेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है।
शिवलिंग जमीन से लगभग 18 फीट उंचा एवं 20 फीट गोलाकार है। राजस्व विभाग द्वारा हर वर्ष शिवलिंग की उंचाई नापी जाती है जो लगातार 6 से 8 इंच बढ रही है।
कहते हैं कि आज से सैकडो वर्ष पहले पारा गांव निवासी शोभा सिंह जमींदार की यहां पर खेती बाडी थी। शोभा सिंह शाम को जब अपने खेत मे जाता था तो उसे खेत के पास एक विशेष आकृति नुमा टीले से सांड के हुंकारने (चिल्लानें) एवं शेर के दहाडनें की आवाज आती थी।
कई बार इस आवाज को सुनने के बाद शोभा सिंह ने यह बात जब ग्रामवासियों को बताई। सभी ने आसपास जंगली जानवर को खोजने की कोशिश की। लेकिन दूर-दूर तक किसी जानवर के नहीं मिलने पर टीले के प्रति लोगो की श्रद्वा बढने लगी।
और लोग इस टीले को शिवलिंग का रूप में मानने लगे। इस बारे में पारा गांव के लोग बताते है कि पहले यह टीला छोटे रूप में था। धीरे धीरे इसकी उचाई एवं गोलाई बढती गई। जो आज भी जारी है।
यह स्थान भुतेश्वरनाथ, भकुरा महादेव के नाम से जाना जाता है। इस शिवलिंग का पौराणिक महत्व सन 1959 में गोरखपुर से प्रकाशित धार्मिक पत्रिका कल्याण के वार्षिक अंक के पृष्ट क्रमांक 408 में उल्लेखित है जिसमें इसे विश्व का एक अनोखा और विशाल शिवलिंग बताया गया है।
किंवदंती है कि इनकी पूजा बिंदनवागढ़ के छुरा नरेश के पूर्वजों द्वारा की जाती थी। दंत कथा है कि भगवान शंकर-पार्वती ऋषि मुनियों के आश्रमों में भ्रमण करने आए थे, तभी यहां शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए।