धर्म डेस्क, नईदुनिया। सफेद मदार का पौधा हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान शिव और गणेश को समर्पित है। इसे मंदार', आक, 'अर्क' और अकौआ भी कहते हैं। सफेद मदार को श्वेतार्क या सफेद अकाव भी कहा जाता है। श्वेतार्क का पौधा शुभता, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। यह वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि श्वेतार्क का पौधा कहां लगाना चाहिए, इसके लाभ क्या हैं, और इसे किस दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
मदार का पौधा भगवान शिव और गणेश दोनों का प्रिय माना जाता है। श्वेतार्क के पौधे में गणेश जी का वास होता है। इसके पत्तों को गणेश जी की पूजा में अर्पित करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। श्वेतार्क के पौधे की जड़ से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करने से भक्तों को लाभ मिलता है। यह पौधा विशेष रूप से शुभ माना जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, श्वेतार्क का पौधा घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सूर्य देव और पितृ देवताओं से जुड़ी है, और श्वेतार्क दोनों का प्रिय पौधा है। इस दिशा में श्वेतार्क लगाने से घर में शांति और समृद्धि आती है, और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। श्वेतार्क का पौधा घर के ग्रहों की स्थिति को ठीक करने में भी सहायक होता है।
श्वेतार्क का पौधा वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करता है। इसे घर में लगाने से धन-दौलत की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा, यह पौधा शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस पौधे की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और घर में शांति का वातावरण बना रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, श्वेतार्क का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए। यह दिशा देवताओं और ज्ञान से जुड़ी होती है, और श्वेतार्क का पौधा दक्षिण-पश्चिम दिशा का पौधा माना जाता है। इस दिशा में श्वेतार्क लगाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, इसे पूर्व और पश्चिम दिशा में भी नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे सूर्य और पितृ देवताओं से जुड़ी ऊर्जा कमजोर हो सकती है।
मदार (आक) का पौधा आयुर्वेद में शक्तिशाली माना जाता है और इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह त्वचा, कान के दर्द, पेट की समस्याओं और अस्थमा जैसी बीमारियों में राहत प्रदान करता है। हालांकि, यह विषैला भी है, इसलिए इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। मदार के फूलों को सुखाकर चूर्ण तैयार किया जाता है, जो अस्थमा और फेफड़ों की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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