PM in Bihar: पटना में पीएम मोदी का संबोधन, कहा - 'अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुँचना है'
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व में लोकतन्त्र की जननी हमारा भारत है, और लोकतंत्र बिहार की गौरवशाली विरासत का हिस्सा है।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Tue, 12 Jul 2022 07:12:32 PM (IST)
Updated Date: Tue, 12 Jul 2022 07:25:10 PM (IST)
PM Modi in Bihar: देवघर से पीएम मोदी बिहार की राजधानी पटना पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया। उनके साथ राज्यपाल फागू चौहान और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पटना में बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने कल्पतरु का पौधा लगाकर शताब्दी स्मृति उद्यान की नींव रखी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने पटना में बिहार विधान सभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि शताब्दी स्मृति स्तंभ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही, साथ ही ये बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा।
— ANI (@ANI) July 12, 2022
पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें
- बिहार का ये स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे वो प्यार कई गुना करके लौटाता है। आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं।
- बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। आज़ादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी।
- आज़ादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, नीतीश जी की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया। इस अधिनियम के जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना जिसने पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया।
- भारत में लोकतन्त्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये राष्ट्र है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है।
- विश्व में लोकतन्त्र की जननी हमारा भारत है। बिहार की गौरवशाली विरासत, पाली में मौजूद ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी इसके जीवंत प्रमाण हैं। बिहार के इस वैभव को न कोई मिटा सकता है, न छिपा सकता है।
- बिहार ने आज़ाद भारत को डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया। लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए। जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ, तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका।
- देश के सांसद के रूप में, राज्य के विधायक के रूप में हमारी ये भी ज़िम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही हर चुनौती को मिलकर हराएं। पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज़ एकजुट होनी चाहिए।
- दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है। और भारत के लिए ये सदी कर्तव्यों की सदी है। हमें इसी सदी में, अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुँचना है। इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे। इसलिए, ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं।