Martyrs Day 2022: 30 जनवरी को क्यों मनाते हैं शहीद दिवस, 23 मार्च से क्यों है अलग
Martyrs Day 2022: 30 जनवरी, 1948 की शाम में बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 29 Jan 2021 02:37:08 PM (IST)
Updated Date: Sun, 30 Jan 2022 08:36:06 AM (IST)
Martyrs Day 2022: भारतीय इतिहास में 30 जनवरी के दिन को एक बहुत ही दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है। दरअसल 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यही कारण है कि देश में 30 जनवरी यानि महात्मा गांधी की पुण्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कई सभाएं आयोजित की जाती है। साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के कई गणमान्य नागरिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए भी जाते हैं।
23 मार्च से क्यों अलग है यह शहीद दिवस
अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं। तो आपको बता कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।
30 जनवरी, 1948 की शाम में बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी। नाथूराम गोडसे से गांधीजी की हत्या करने से पहले उनके पैर भी छुए थे। जब गांधीजी की हत्या की गई थी, तब उनकी उम्र 78 साल थी। नाथूराम गोडसे भारत के विभाजन को लेकर गांधीजी के विचार से सहमत नहीं था।