PSVT Heart Disease: दिल में भी होता है शार्ट सर्किट, इन लक्षणों को समझकर हो जाएं तत्काल अलर्ट
PSVT Heart Disease आमतौर पर PSVT की समस्या दिल में छेद, मानसिक तनाव के साथ साथ चाय, अल्कोहल व कॉफी के ज्यादा सेवन से भी
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 18 Mar 2023 11:54:55 AM (IST)
Updated Date: Sat, 18 Mar 2023 10:50:14 PM (IST)
PSVT Heart Disease । कई बार जब दिल जोर जोर से धड़कने लगता है तो हम इसे सामान्य समझ लेते हैं। दरअसल कई लोगों में दिल में करंट का ओवरफ्लो होने के कारण भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है और इस कारण कई बार दिल में शार्ट सर्किट जैसा खतरा भी पैदा हो जाता है। इस बीमारी को मेडिकल टर्म में पीएसवीटी या पैरोसाइमल सुपर वेंट्रिकुलर टेकिकार्डियो कहा जाता है।
जाने क्या है PSVT
सामान्य तौर पर व्यक्ति के दिल की धड़कन 72 -100 प्रति मिनट होती है लेकिन जब दिल में जब पीएसवीटी की समस्या होती है तो शार्ट सर्किट होने से दिल की धड़कन 180 -250 प्रति मिनट तक पहुंच जाती है। ऐसे में दिल में करेंट ओवरफ्लो होता है तो धड़कन तिगुनी बढ़ जाती है।
दिल में होते हैं 4 चेम्बर्स
इंसान के दिल में 4 चेंबर होते है और दिल में कई नसें होती हैं। इनमे कुछ नसें ऐसी भी होती हैं, जिनके ऊपर कवरिंग नहीं होती। ऐसे स्थिति में जब दो नसे आपस में मिलती हैं तो शॉर्ट सर्किट हो जाता है। PSVTकी समस्या होने पर मरीज की दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है। इसके शरीर पीले पड़ना और ठंडे होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
PSVT डिजीज का ये है इलाज
इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिकल स्टडी के जरिए दिल में शार्ट सर्किट वाले प्वाइंट को खोजा जाता है और पैर के रास्ते से 3 तार दिल तक पहुंचाए जाते है। इसके बाद दिल के अंदर हुए शॉर्ट सर्किट का पता लगाया जाता है। दिल में शाट सर्किट वाले इन तारों पर करीब 350 किलोहर्ट्ज की तरंग छोड़कर इसे फ्यूज कर दिया जाता है। लेकिन कई बार वो नसें जो करंट का ओवरफ्लो करती है यदि वो दिल की दीवारों को बिल्कुल छू रही होती है तो उन्हें फ्यूज करने का रिस्क होता है। ऐसे में मरीज़ को पेसमेकर लगाने की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
PSVT का कारण
आमतौर पर PSVT की समस्या दिल में छेद, मानसिक तनाव के साथ साथ चाय, अल्कोहल व कॉफी के ज्यादा सेवन से भी होता है। साथ ही बहुत ज्यादा मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से भी PSVT की समस्या हो सकती है।
PSVT होने पर दिखते हैं ये लक्षण
खांसी, जुकाम समेत तमाम रोगों की दवाएं धड़कन खराब करती हैं। इस बीमारी में आमतौर पर शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है। इससे बचाव के लिए रोज व्यायाम करना चाहिए और ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहना चाहिए।