इंदौर: जनजाति जड़ी-बूटी मेले में अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज ने लगाई नौ दिवसीय प्रदर्शनी
आज देश में ही नहीं पूरे विश्व में आयुर्वेद की ओर लोगों का रुझान है, अधिक से अधिक जड़ी बूटियों का ज्ञान जरूरी है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 19 Feb 2023 08:17:14 AM (IST)
Updated Date: Sun, 19 Feb 2023 08:17:14 AM (IST)
Ashtang Ayurveda College इंदौर। दिनांक 11 फरवरी से 19 फरवरी तक लालबाग में जनजाति फूड फेस्टिवल एवं जड़ी-बूटी मेले का आयोजन किया गया l माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 फरवरी को इस मेले में पधारे। इस मेले में शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज एवं हॉस्पिटल के द्वारा एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गयाl इस प्रदर्शनी में हर्बल मेडिसिन के बारे में लोगों को बताया गया तथा उनके औषधीय महत्व एवं किन किन रोगों में इनको काम में लिया जा सकता है, इसकी भी डॉक्टर के द्वारा जानकारी दी गई l
इसके अतिरिक्त इंदौर संभाग एवं जिला आयुर्वेद विभाग के द्वारा भी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया l यह जानकारी दोपहर 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक विशेषज्ञों के द्वारा दी गई तथा लाखों लोगों ने इसका लाभ उठायाl
इसके अतिरिक्त शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर में उपलब्ध सुविधाओं एवं इलाज के बारे में आम जनता को जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में बताए गए खानपान के बारे में एवं मोटे अनाज के औषधीय महत्व के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई।
स्टोल के नोडल अधिकारी डॉ हरिओम परिहार एवं सहायक अधिकारी डॉ नितिन उरमलिया ने व्यवस्थाओं को संभाला। इसके अतिरिक्त मेले में जनजाति क्षेत्रों में बनाए जाने वाले खाने के स्टोल भी लगाए गए तथा जनजाति क्षेत्रों में बनाए गए उत्पाद भी बिक्री के लिए मेले में आए।
मेले में शाम के समय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया, इसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अतिरिक्त शाम के समय स्वास्थ्य प्रबोधन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें समन्वयक डॉ लोकेश जोशी ने व्यवस्थाओं को देखा, जिन्हें मुख्यमंत्री जी के द्वारा सम्मानित भी किया गया।
उक्त कार्यक्रम में हॉस्पिटल के डॉक्टर अखलेश भार्गव के द्वारा कैंसर पर डॉ नारायण मिश्रा के द्वारा स्त्री रोग प्रबंधन पर व्याख्यान दिया गया, जिसकी आम जनता ने प्रशंसा की।
हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉक्टर ए पी एस चौहान ने बताया कि आयुर्वेद में हजारों प्रकार की जड़ी बूटियों का वर्णन है, जिनके द्वारा गंभीर रोगों का इलाज किया जाता है, मेले में अनेक प्रकार के ट्रेडिशनल वैद्य जो अनेक जड़ी बूटियों के बारे में जानते हैं तथा अपने-अपने क्षेत्रों में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों को लेकर इंदौर में मेले में आए थे, उनसे संपर्क हुआ और अन्य जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी मिली ।इस प्रकार के मेले आम जनता के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।
कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश भार्गव ने बताया कि इस मेले में मध्य प्रदेश के औषधि विक्रेता, औषधि निर्माता, जड़ी बूटी के जानकार, ट्रेडिशनल वैद्य, पुराने वैद्य आदि सभी का एक साथ मिलना भारतीय सभ्यता संस्कृति आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम रहा है।
आज देश में ही नहीं पूरे विश्व में आयुर्वेद की ओर लोगों का रुझान है, इसलिए अधिक से अधिक जड़ी बूटियों का ज्ञान हमारे मकसद में हमें आगे बढ़ आएगा। क्योंकि 2014 में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का 300 करोड़ डॉलर का व्यापार निर्यात किया गया था जो बढ़कर 2300 सौ करोड़ डॉलर हो गया है, पूरे विश्व के 170 देशों में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का निर्यात किया जाता है और पूरे विश्व के लगभग 80% लोग आयुर्वेद का प्रयोग कर रहे हैं।