इमली का बीज करेगा चिकनगुनिया के वायरस का खात्मा
रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम ने दावा किया है कि इमली के बीज से चिकनगुनिया के वायरस का खात्मा किया जा सकता है।
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Publish Date: Tue, 13 Nov 2018 09:56:24 PM (IST)
Updated Date: Tue, 13 Nov 2018 10:03:16 PM (IST)
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिकों की टीम ने इमली के बीज में उपलब्ध लेक्टिन प्रोटीन से चिकनगुनिया के वायरस को मारने में सफलता प्राप्त की है। अब इस टीम का लक्ष्य चिकनगुनिया से बचाव के लिए दवा तैयार करना है।
डेंगू की तरह चिकनगुनिया का प्रकोप भी हर साल बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद अभी तक इससे बचाव के लिए बाजार में कोई दवा और टीका उपलब्ध नहीं है। इसी को देखते हुए आईआईटी रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक डॉ. शैली तोमर और डॉ. प्रविद्र कुमार ने यह खोज की है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सह प्राध्यापक डॉ. शैली तोमर ने बताया कि चिकनगुनिया के वायरस की सतह पर एन-एसीटोग्लूकोसेमाइन (नैग) नामक एक प्रकार का शुगर होता है। इसके माध्यम से ही चिकनगुनिया का संक्रमण होता है।
वहीं, डॉ. प्रविद्र कुमार ने खोज में पाया कि इमली के बीज में लेक्टिनो नाम का प्रोटीन होता है, जो कि चिकनगुनिया की सतह पर जो नैग नाम का शुगर होता है, उसे बांध देता है। इससे चिकनगुनिया का वायरस ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकेगा।
डॉ. प्रविद्र के अनुसार इस खोज के बाद अब उनका लक्ष्य इस प्रोटीन को मनुष्य के शरीर में पहुंचाना है। हालांकि, इंजेक्शन और कैप्सूल के माध्यम से यह संभव है। ऐसे में उनकी टीम इस पर काम कर रही है। यह शोध एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुका है।