नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी: जिला अस्पताल में मंगलवार की रात एक मरीज की ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट की घटना के दौरान मौत हो गई। इस मामले में एक ओर जहां स्वजन का आरोप है कि मौत आक्सीजन सप्लाई रुकने के कारण हुई है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से सिविल सर्जन डा. बीएल यादव का कहना है कि मरीज को जब रैफर किया जा रहा था, तब उसे ऑक्सीजन लगी ही नहीं थी।
मंगलवार की शाम एक मरीज की तबीयत खराब होने पर उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिला अस्पताल में अचानक उसकी तबीयत बेहद खराब हो गई, जिसके चलते उसे उपचार के लिए ग्वालियर रेफर करना पड़ गया। जब अस्पताल का स्टॉफ मरीज को ग्वालियर रेफर कर रहा था, तभी वार्ड से एम्बुलेंस तक लाते समय रास्ते में अचानक से ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया। इसी दौरान मरीज की तबीयत और बिगड़ गई।
भतीजे का आरोप है कि जिस समय उसके चाचा को रेफर किया जा रहा था, उस समय उन्हें ऑक्सीजन लगी थी। रास्ते में एक वार्ड ब्याय ने सिलेंडर की गैस सप्लाई से छेड़छाड़ की और सिलेंडर में ब्लास्ट होने से ऑक्सीजन सप्लाई रूक गई और इसी कारण उसके चाचा की मौत हो गई।
सिविल सर्जन का कहना है कि मरीज को जिस समय रेफर किया जा रहा था, उस समय मरीज को ऑक्सीजन लगा ही नहीं था। उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता ही नहीं थी क्योंकि उसकी ऑक्सीजन का लेवल 98 था। सिविल सर्जन के अनुसार मरीज की किडनी फेल थीं, उसका हिमोग्लोबिन सिर्फ 3 ग्राम था। इसके अलावा भी उसे कुछ गंभीर बीमारियां थी। यही कारण है कि मरीज की मौत हो गई।
डॉक्टर के अनुसार मरीज की मौत और सिलेंडर फटना दो अलग-अलग घटनाएं हैं, जिन्हें जोड़ा जाना ठीक नहीं है। उनके अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर को तो वह एम्बुलेंस में ऐहतियातन रखवा रहे थे। वहीं मृतक के स्वजन का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि मरीज को ऑक्सीजन लगी थी या नहीं। उनके अनुसार अस्पताल प्रबंधन खुद की गलती को छिपाने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहा है।