आरिफ कुरैशी, रतलाम। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में रतलाम जिले को दस वर्ष बाद प्रतिनिधित्व मिला है।रतलाम नगर सीट से तीन बार के विधायक चेतन्य काश्यप को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सोमवार को भोपाल आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में काश्यप ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
वैसे शुरू से ही रतलाम जिले से चुने गए विधायक मंत्री बनते रहे है, लेकिन बीच-बीच में रतलाम जिले को कई बार मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिला। आखरी बार 2008 में आलोट सीट के विधायक व भाजपा नेता मनोहर ऊंटवार को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और वे 2013 तक मंत्री रहे थे। उसके बाद के चार मंत्रिमंडलों में जिला मंत्री के प्रतिनिधित्व विहिन रहा था।
रतलाम जिले से मंत्री बनने वाले विधायक चेतन्य काश्यप दसवें जननेता है। इनके पहले 1957 में जावरा से कांग्रेस के विधायक डा. कैलाशनाथ काटजू मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 1969 में श्यामचरण शुक्ल मंत्रिमंडल में सैलाना सीट के विधायक व कांग्रेस नेता प्रभुदयाल गेहलोत को आदिम जाति कल्याण मंत्रालय में उपमंत्री बनाया था। 1980 में अर्जुनसिंह मंत्रिमंडल में जावरा सीट के विधायक व कांग्रेस नेता भारत सिंह को गृहमंत्री बनाया गया था। बाद में पुन: प्रभुदयाल गेहलोत को 1990 में पं. शुक्ल के ही मंत्रिमंडल में स्थानीय शासन राज्यमंत्री बनाया गया था।
सुंदरलाल पटवा मंत्रिमंडल में 1990 में रतलाम नगर सीट के विधायक व भाजपा नेता हिम्मत कोठारी को लोक निर्माण मंत्री (कैबिनेट) व आलोट सीट के विधायक व भाजपा नेता थावरचंद्र गेहलोत राज्यमंत्री बनाया गया था। दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में 1993 में जावरा के विधायक व कांग्रेस नेता महेंद्रसिंह कालूखेड़ा को स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया तो 1998 में उन्हें कृषि व सहकारिता मंत्री बनाया गया था।
1998 में ही दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में रतलाम ग्रामीण सीट के विधायक व कांग्रेस नेता पंच मोतीलाल दवे को शामिल कर धर्मस्व व सांस्कृतिक विभाग के मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 2004 में उमा भारती मंत्रिमंडल में रतलाम ग्रामीण सीट से विधायक रहे भाजपा नेता धूलजी चौधरी को कृषि राज्य मंत्री बनाया गया था।
वर्ष 2005 में बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में रतलाम शहर के विधायक हिम्मत कोठारी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाकर वन और सहकारिता विभाग दिया गया था। इसके बाद 2007 में हिम्मत कोठारी को शिवराज सिंह चौहान में भी कैबिनेट मंत्री बनाकर वन और परिवहन विभाग तथा गृह मंत्री बनाया गया था। कोठारी 2008 तक गृहमंत्री रहे और इसी वर्ष चुनाव हार गए थे।
वहीं 2008 में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में आलोट के विधायक व भाजपा नेता मनोहर ऊंटवाल नगरीय प्रशासन विभाग के राज्य मंत्री बनाया गया था।2013 में शिवराज मंत्रिमंडल में रतलाम जिले से किसी विधायक को नहीं लिया गया। 2018 में कमलनाथ मंत्रिमंडल व 2021 में पुन: शिवराज सिंह सरकार मंत्रिमंडल में जिले के किसी विधायक को स्थान नहीं मिला था।
उद्योगपति व भाजपा नेता चेतन्य काश्यप ने राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में प्रदेश ही नहीं देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने वर्ष 2004 में राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया। 2013 के चुनाव में भाजपा ने पहली बार उन्हें रतलाम नगर सीट से विधायक उम्मीदवार बनाया था, तब वे 40305 हजार मतों से जीते थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा के ही टिकट पर 2018 के चुनाव में 43435 हजार व हाल ही में हुए 2023 के चुनाव में 61708 मतों से जीत हासिल की।
हर बार उनकी जीत का आंकड़ा बड़ता गया। चेतन्य काश्यप ने हर बार विधायक बनने के बाद अपने वेतन भत्ते व पेंशन का त्यागकर राशि शासनहित में समर्पित की। वहीं समाजसेवा के क्षेत्र अहिंसा ग्राम की स्थापना, कुपोषण अभियान में बच्चों को पोष्टिक आहार देने, मेघावी विद्यार्थियों को हर वर्ष सम्मानित कर प्रोस्ताहित करने, चेतना खेल मेलों का अायोजन करने सहित उन्होंने कई अनुकरणीय कार्य किए है।