झाबुआ (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मेघनगर थाने पर 12 मई 2020 को फरियादी ने रालु सिंगाड़िया को कुछ लोग उठाकर ले जाने की सूचना दी थी। जब स्वजनों ने ढूंढा तो उसका शव खेत पर खाखरे के पेड़ के नीचे पड़ा हुआ था। गले में चोट व गुप्तांग पर भी चोट के निशान थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। जांच में पुलिस ने पाया कि मृतक की पत्नी कालीबाई व प्रेमी हुरसिंह ने मिलकर उसकी हत्या की है। मामला झाबुआ जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने दोनों ही आरोपितों को आजीवन कारावास और एक-एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
एडीपीओ सूरज बैरागी ने बताया कि मृतक रालु गुजरात मजदूरी पर गया था और 12 मई को लौटा था। सुबह छह बजे रालु की पत्नी ने आकर उसके स्वजनों को बताया था कि रालु को कोई उठाकर ले गया है। सभी स्वजनों ने रालु को ढूंढने का प्रयास किया। जब स्वजनों ने खेतों के आसपास मृतक को ढूंढा तो उसका शव एक खेत में खांखरे के पेड़ के नीचे मिला। शव के गले में चोट व गुप्तांग पर भी चोट के निशान थे। नाक से खून बह रहा था। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाया।
प्रेम संबंध सामने आया
बैरागी ने बताया कि पुलिस ने जांच में पाया कि मृतक रालु की पत्नी कालीबाई व भुरसिंह के संबंध हैं। इसी आधार पर पुलिस ने विवेचना प्रारंभ की। जब दोनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुल्म कुबूल कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपित कालीबाई ने बताया कि उसके व भुरसिंह के प्रेम संबंधों के बारे में पति रालु को पता चल गया था । इसी कारण उसने भुरसिंह को बड़ौदा से बुलवाया और इस घटना को अंजाम दिया। न्यायाधीश गुप्ता ने दोनों ही आरोपितों को धारा 302-24 के तहत आजीवन कारावास व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।