Jabalpur News: आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा में 87:13 के फार्मूले के अंतर्गत नियुक्तियों को चुनौती
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी परीक्षा-2021 के रिजल्ट में विसंगति को लेकर सागर निवासी सुरेंद्र कुमार विश्वकर्मा, भोपाल निवासी स्मिता पटेल, राजगढ़ के मनीष भंडारी सहित अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है।
By Paras Pandey
Edited By: Paras Pandey
Publish Date: Mon, 08 Apr 2024 08:33:50 PM (IST)
Updated Date: Mon, 08 Apr 2024 08:33:50 PM (IST)
HighLights
- हाई कोर्ट ने मप्र लोकसेवा आयोग को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
- आगामी सुनवाई 18 अप्रैल को, महाधिवक्ता की उपस्थिति के निर्देश
जबलपुर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट में याचिका के जरिये आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा में 87:13 के फार्मूले के अंतर्गत दी गई नियुक्तियों को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस सिलसिले में मप्र लोकसेवा आयोग से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित की गई है। इस दिन महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने कहा है।
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी परीक्षा-2021 के रिजल्ट में विसंगति को लेकर सागर निवासी सुरेंद्र कुमार विश्वकर्मा, भोपाल निवासी स्मिता पटेल, राजगढ़ के मनीष भंडारी सहित अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है।
सभी याचिकाकर्ता आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी 2021 में मेरिटोरियस अभ्यर्थी हैं। याचिकाकर्ताओं के मुख्य परीक्षा में अधिक प्राप्तांक हैं, जिससे इनका चयन 87 प्रतिशत की मुख्य चयन सूची में किया गया।
अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह, रामेश्वर सिंह ठाकुर, पुष्पेंद्र शाह व रूप सिंह मरावी ने दलील दी कि साक्षात्कार के समय लोक सेवा आयोग द्वारा अवैधानिक रूप से याचिकाकर्ताओं से अभिवचन पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया। इससे इनका मेरिट के आधार पर चयनित होने का संवैधानिक अधिकार प्रभावित हो गया और ये अधिकार आयोग को मिल गए।
आयोग द्वारा उक्त अभ्यर्थियों के साथ साथ किसी भी अभ्यर्थियों के अंक तथा मेरिट रैंक भी घोषित नहीं की है, जिससे समस्त भर्तियां संदेह के दायरे में हैं। उन्होंने बताया कि 87:13 के फार्मूले के चलते ये अभ्यर्थी मेरिट होने के बावजूद दावा नहीं कर पाएंगे।