IIT Indore: आदर्श सिंह, नईदुनिया, इंदौर। माइक्रो इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेहतर शोध कार्यों के लिए आइआइटी इंदौर के प्रोफेसर शैबाल मुखर्जी को पहली बार ग्लोबल 2024 माइक्रो इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग जर्नल मिडिल कैरियर इन्वेस्टिगेटर अवार्ड और लेक्चरशिप प्राप्त हुई है।
आइआइटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत प्रो. मुखर्जी को यह सम्मान पर्यावरण निगरानी से लेकर कृषि और स्वास्थ्य देखभाल तक के अनुप्रयोगों के लिए एआइ-आइओटी आधारित क्वांटम उत्पादों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मिला है।
एल्सेवियर की जर्नल प्रकाशक चेन लिन की निगरानी में छह अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक पैनल ने इस पुरस्कार के विजेता का चयन किया है। यह सम्मान प्राप्त करने वाले प्रो.मुखर्जी देश के एकमात्र विज्ञानी हैं। प्रो. मुखर्जी के नाम आइआइटी इंदौर में सबसे ज्यादा नौ पेटेंट हैं। जबकि चार शोध कार्य पेटेंट के लिए फाइल किए जा चुके हैं। प्रो. मुखर्जी के 250 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रो. मुखर्जी के निर्देशन में तैयार की गई प्रौद्योगिकी कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में काफी उपयोगी साबित होगी। प्रो. मुखर्जी ने वर्ष 2009 में संयुक्त राज्य अमेरिका के ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
सिंगापुर में 15 से 18 जुलाई को आइईईई इंटरनेशनल सिंपोजियम आन द फिजिकल एंड फेल्योर एनालिसिस आफ इंटीग्रेटेड सर्किट्स (आइपीएफए) 2024 के 31वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा। यहां प्रो. मुखर्जी को प्रतिष्ठित ग्लोबल अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार माइक्रो नैनो-इलेक्ट्रानिक सामाग्रियों, उपकरणों और सर्किटों के निर्माण और शोध के क्षेत्र में कार्य करने वालों को प्रदान किया जाता है।