Ranjeet Hanuman Mandir Indore: भक्तों के संकट हरने वाले रणजीत हनुमान दे रहे 130 वर्षों से जीत का आशीष
Ranjeet Hanuman Mandir Indore: भक्तों की ऐसी आस्था की कंपकपाने वाली सर्द सुबह निकलने वाली प्रभातफेरी में शामिल होते एक लाख से ज्यादा लोग। रणजीत अष्टमी पर होने वाली महोत्सव की तैयारियां हुई शुरू, 2 हजार युवा भक्तों ने शुरू की तीन दिनी आयोजन की तैयारियां।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 14 Nov 2022 09:12:50 AM (IST)
Updated Date: Fri, 16 Dec 2022 09:24:01 AM (IST)
Ranjeet Hanuman Mandir Indore: रामकृष्ण मुले, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित रणजीत हनुमान मंदिर 130 वर्षों से भक्तों को जीत का आर्शीवाद दे रहे हैं। भगवान का यह स्वरूप संकट हरने वाला है। यहां इन दिनों दिसंबर में चार दिनी होने वाले रणजीत अष्टमी महोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर मंदिर की साज-सज्जा 21 हजार दीपों से होती है जबकि सर्द सुबह निकलने वाली प्रभातफेरी में एक लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं।इस आयोजन की तैयारियां में रणजीत भक्त मंडल के दो हजार हनुमान भक्त युवा मिलकर सहयोग देते हैं।
रणजीत हनुमान मंदिर की विशेषता है कि यहां विराजित हनुमान ढाल और तलवार लिए विराजमान है। कहा जाता है कि यह अपनी तरह की विश्व की एकमात्र प्रतिमा है। इसके अतिरिक्त उनके चरणों में अहिरावण है। ऐसा तो मंदिर के स्थापना और मूर्ति को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। मूर्ति को देखकर लगता है जैसे कि भगवान किसी युद्ध में जाने की तैयारी में है।
मंदिर के साथ जुड़ी राजा की जीत की कहानी
मंदिर के साथ राजा की जीत की कहानी जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि युद्ध में जब एक राजा हारने लगा तो वह भागते हुए भर्तहरी गुफा में पहुंच गया। यहां पर एक महात्मा ध्यान में लिफ्त थे। राजा बहुत देर तक बैठा रहा। इसके बाद जब महात्मा ध्यान मुक्त हुए तो रोटी देते हुए कहा कि इसके टुकड़े डालते हुए जाना, जहां टुकड़े समाप्त होंगे वहां मंदिर मिलेगा। वहां तुम्हारी सारी परेशानियां दूरी होगी। यह मंदिर रणजीत हनुमान मंदिर था। वहां पर पूजा से राजा को रण में जीत का आर्शीवाद मिला।
भगवान निकलते नगर भ्रमण पर तो साथ होते हैं लाखों भक्त
मंदिर के मुख्य पुजारी पं. दीपेश व्यास कहते है कि रणजीत अष्टमी पर निकलने वाली प्रभातफेरी मध्यभारत में निकलने वाली सबसे बड़ी प्रभातफेरी है। 16 दिसंबर को सुबह पांच बजे मंदिर से भगवान स्वर्ण रथ पर सवार होकर निकलेंगे। इसमें उनके साथ एक लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे। प्रभातफेरी महूनाका, अन्नपूर्णा, उषा नगर, गुमाश्ता नगर, स्कीम नंबर 71 से होते हुए पुन: मंदिर प्रांगण में पहुंचेगी। यात्रा में स्थानीय भक्तों के साथ ही साधु-संत भी शामिल होंगे। इसके पहले 14 दिसंबर को दीपोत्सव का आयोजन होगा। इस अवसर पर मंदिर में 21 हजार दीपों से सजावट की जाएगी। 15 दिसंबर को रथ में विराजित होने वाले विग्रह के साथ 51 हजार रक्षा सूत्रों का अभिषेक होगा।