Indore Zoo: रामकृष्ण मुले, इंदौर (नईदुनिया)। 52 एकड़ में फैले शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में अब 60 प्रजाति के 650 वन्य प्राणियों की एप के जरिये देखरेख होगी। एप के जरिये मौसम के अनुसार पिंजरों का तापमान रखने और भोजन में बदलाव के साथ आपात परिस्थिति में किसी भी कर्मचारी द्वारा बजाए गए अलार्म से चिड़ियाघर प्रबंधन को भी जानकारी मिलेगी।
यह एप युवा उद्यमी महिलाओं की संस्था 'द डिजायन इंस्टीट्यूट' ने वन्य जनजीवन प्रेमी विशेषज्ञों के साथ मिलकर डेढ़ साल में तैयार किया है। अभी इसे 15 अधिकारी-कर्मचारियों के मोबाइल में अपलोड किया गया है। एक महीने की टेस्टिंग के बाद इसे सभी कर्मचारियों के मोबाइल में अपलोड किया जाएगा।
एप तैयार करने वाली श्रुति व्यास और शोभना जोशी का कहना है कि सही तरीके से निगरानी न होने पर जानवरों को भोजन, उपचार या अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। हमने जो एप बनाया है, उसमें जैसे किसी स्कूल में बच्चे का एडमिशन होता है, वैसे ही इस एप में जानवरों की जानकारी समाहित की गई है। इसमें उस जानवर का नाम, उम्र, उसके माता-पिता, कहां से लाया गया, उसका आहार, उसकी मेडिकल हिस्ट्री सहित सभी जानकारी जुटाई गई है।
कर्मचारी को दर्ज करनी होगी जानकारी
एप बनाने में सहयोगी रहे विनीत जैन ने बताया कि एक समय में चिड़ियाघर में दर्शकों की संख्या, कितने जानवर बीमार हैं, उनकी डाइट के अनुसार उन्हें आहार दिया गया है या नहीं, इसकी पूरी जनकारी चिड़ियाघर के कार्यालय में टीवी स्क्रीन और सभी के मोबाइल पर चलती रहेगी। दवाई, खाना देने के बाद कर्मचारी को पिंजरे या बाड़े से देने की जानकारी अपने मोबाइल में दर्ज करनी होगी।
इनका कहना है
यह एप प्राणियों की बेहतर देखरेख के लिए बनाया है। इसके जरिये उनकी छोटी-बड़ी जरूरत पूरी करने की कोशिश की गई है। सभी प्राणियों की उनकी प्रकृति के अनुसार आहार, उपचार और उनकी देखरेख होगी। संभवतः इस तरह एप का उपयोग करने वाला देश में कोई दूसरा चिड़ियाघर नहीं है।
-डॉ. उत्तम यादव, प्रभारी कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय