Indore Railway Station: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पिछले पांच वर्षों में रेल नक्शे पर इंदौर की उपस्थिति पहले से कहीं बेहतर हुई है। यहां से अब देशभर में यात्रा करना काफी सुगम, सहज हुआ है। रेलवे में ऐसा बहुत कुछ हुआ और हो रहा है, जिसने रेल सेवा में पिछड़ा माने जाने वाले इंदौर को कई सौगातें और सुविधाएं दी हैं।
इंदौर आने-जाने वाली 50 ट्रेनों में से अब तक दो दर्जन ट्रेनों का संचालन लिंक हाफमेन बुश (एलएचबी) कोच से हो रहा है। इससे यात्रियों का सफर सुरक्षित हुआ है। इसके अलावा अधिकांश ट्रेनों में बायो टायलेट का उपयोग भी शुरू हो गया है। रेल सेवा के विस्तार के लिए इंदौर के आसपास की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा रहा है। मुख्य स्टेशन के अलावा दूसरे स्टेशन के रूप में लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन विकसित किया जा रहा है।
महू-खंडवा के बीच गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट के तहत मीटर लाइन बड़ी लाइन में बदली जा रही है। इससे इंदौर को दक्षिण भारत व महाराष्ट्र से सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। इंदौर-उज्जैन-देवास रेल मार्ग का दोहरीकरण भी जारी है। बरलई से लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के बीच 20 किलोमीटर में दोहरीकरण वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा। तब उज्जैन, देवास से आने वाली ट्रेनें निर्बाध गति से इंदौर आ सकेंगी। उधर, इंदौर-दाहोद के बीच नई रेलवे लाइन के लिए बजट आ गया है। इसका काम जल्द शुरू होने वाला है। टीही में रेल मार्ग के लिए टनल बनाने का टेंडर हो चुका। यह रूट इंदौर को गुजरात जल्दी पहुंचाएगा।
इंदौर रेलवे स्टेशन पर टिकट लेने के लिए अब कतार में लगने की जरूरत नहीं है। चार्ट प्रणाली के बजाय अब स्टेशन पर डिजिटल चार्ट डिस्प्ले हो रहा है। टिकट चेकर को हैंड हैल्ड मशीन दी गई हैं। इससे वे वेटिंग सहित अन्य टिकट दे देते हैं। यात्रियों को सीट कन्फर्मेशन टिकट अब मोबाइल पर मिलने लगा है। पहले स्टेशन पर स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन लगी रहती थी। अब अनरिजर्व टिकटिंग सिस्टम शुरू हुआ है। इसकी मदद से स्टेशन से छह किलोमीटर की दूरी से आप एप डाउनलोड कर टिकट मोबाइल पर ही ले सकते हैं।
रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि रेल यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। इंदौर रेलवे स्टेशन से आने-जाने वाली दो दर्जन ट्रेनों में एलएचबी रैक लग चुके हैं। इंदौर के आसपास दाहोद, खंडवा, उज्जैन, व देवास के रूट पर ट्रैक तब्दीली और विकास के लिए काम किए जा रहे हैं। इससे इंदौर से आने वाले समय में ट्रेनों का आवागमन का मार्ग सुगम हो सकेगा।