Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंवेस्टर्स समिट की मेजबानी कर रहे इंदौर में औद्योगिक क्षेत्रों के प्रति नगर निगम का सौतेला रवैया जारी है। स्वच्छता का छक्का लगाने का तमगा सीने पर लगाकर घूम रहा नगर निगम असल में उद्योगों से कचरा उठाने से ही बच रहा है। पालदा औद्योगिक क्षेत्र में नगर निगम की कचरा गाड़ियां फैक्ट्रियों और व्यावसायिक स्थलों पर कचरा संग्रहण करने नहीं पहुंच रहीं। मंगलवार को उद्योगपतियों ने इस मुद्दे पर नगर निगम के अधिकारियों को घेर लिया। दरअसल, अधिकारी कचरा सही तरीके से निपटान नहीं करने पर फैक्ट्री सील करने पहुंचे थे। उद्योगपतियों के विरोध के बाद निगम अधिकारी फैक्ट्री तो सील नहीं कर सके। व्यवस्था सुधारने का वादा कर वापस आना पड़ा।
15 अक्टूबर को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पालदा औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया था। उस समय क्षेत्र के उद्योगपतियों ने जर्जर सड़कों और पानी के साथ कचरा नहीं उठाए जाने और गंदगी को लेकर भी शिकायत की थी। महापौर और अधिकारी कचरा उठाने वाली गाड़ियों की व्यवस्था तुरंत लागू करने का आश्वासन देकर आए थे। डेढ़ महीने बीतने के बाद भी पालदा औद्योगिक क्षेत्र मेें कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। मंगलवार को पैकेजिंग उद्योग पवनकुमार धीरजकुमार पर नगर निगम के कर्मचारी पहुंचे। निगम कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री का कचरा बाहर फेंका जा रहा है। इस पर चालानी कार्रवाई की बात कही। फैक्ट्री मालिक धीरज अग्रवाल ने इसका विरोध किया।
फैक्ट्री सील करने की धमकी - फैक्ट्री मालिक अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम की कचरा गाड़ी क्षेत्र में आती ही नहीं है। ऐसे में उद्योगपति कचरा कब तक संभालकर रखेंगे। इस पर अधिकारियों ने कचरा शुल्क जमा नहीं होने की बात कही। फैक्ट्री संचालक ने कचरा संग्रहण शुल्क की रसीद भी दिखा दी। फैक्ट्री संचालक के बहस करने के बाद निगम अधिकारी पांच साल के बराबर शुल्क नहीं देने पर फैक्ट्री सील करने की धमकी देने लगे। इस पर पालदा औद्योगिक संगठन के पदाधिकारी अध्यक्ष प्रमोद जैन, सचिव हरीश नागर समेत अन्य उद्योगपति भी मौके पर पहुंच गए।
उद्योगपतियों ने किया विरोध - उद्योगपतियों ने एक स्वर में निगम की कार्रवाई का विरोध कर दिया। उद्योगपतियों ने कहा कि निगम को कार्रवाई का अधिकार तब है, जबकि कचरा संग्रहण की व्यवस्था हो। वर्षों से पूरे क्षेत्र से टैक्स तो लिया जा रहा है लेकिन कचरा गाड़ियां नहीं भेजी जा रहीं। महीने में एक-दो बार किसी फैक्ट्री में कचरा गाड़ी पहुंच जाए तो बड़ी बात है। फैक्ट्री संचालक ने कहा कि लाकडाउन के बाद से उनकी फैक्ट्री पर कभी कचरा गाड़ी नहीं पहुंची है।
गाड़ी वाले से पूछताछ - उद्योगपतियों के सामूहिक विरोध के बाद नगर निगम अधिकारियों ने कचरा गाड़ी वाले और क्षेत्र के जोन अधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक को भी मौके पर बुला लिया। गाड़ी चालक के सामने फैक्ट्री संचालकों ने कहा कि बल्क कचरा गाड़ी क्षेत्र में नहीं आई। चाहे तो फैक्ट्रियों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग जांच ली जाए। इसके बाद निगम अधिकारी नियमित कचरा गाड़ी भेजने की बात कहकर कार्रवाई किए बगैर लौट गए।
खराब सड़क पर सवाल से बच रहा निगम - पालदा से मुंडला की मुख्य सड़क की बदहाली पर अब नगर निगम सवाल और जवाब से भी बच रहा है। पालदा क्षेत्र के पार्षद कुणाल सोलंकी ने आरोप लगाया कि खराब सड़क पर पूछे गए उनके सवाल को नगर निगम ने निगम परिषद के सम्मेलन की कार्यसूची में ही शामिल नहीं किया। पार्षद सोलंकी के अनुसार, भंवरकुआं पर खंडवा रोड के भूमिपूजन के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पालदा सड़क के निर्माण की घोषणा भी की थी। वहीं अब नगर निगम क्षेत्र में सड़क निर्माण करवाने से बचता दिख रहा है। मैंने नगर निगम परिषद में प्रश्न लगाया था कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर निगम कब अमल करते हुए सड़क निर्माण शुरू करेगा। प्रश्न को कार्रवाई में शामिल नहीं किया गया। न ही सभापति या महापौर ने जनहित का विषय मानते हुए इस पर जवाब देने की जरूरत समझी।