Indore Bawadi Accident : इंदौर। शहर के पटेल नगर में जिस बावड़ी में हादसा हुआ है उस पर स्लेब डालते वक्त सरिए खुले छोड़ दिए गए थे। हादसे के बाद लोगों को बाहर निकालने में इन सरियों की वजह से खासी परेशानी हुई। इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई।
10 वर्ष में पहली बार बावड़ी पर करवाया हवन
रहवासियों के मुताबिक मंदिर में बावड़ी पर छत डालने के बाद से ही यहां हर वर्ष रामनवमी पर हवन आयोजित किया जाता था। 9 वर्षों से हवन कार्यक्रम मंदिर के बाहर होता था लेकिन इस वर्ष पहली बार मंदिर में बावड़ी के ऊपर हवन आयोजित किया गया था।
हनुमान जयंती पर होता है भंडारा
बेलेश्वर महादेव झुलेलाल मंदिर पर हर वर्ष हनुमान जयंति पर बड़ा भंडारा होता है। कुछ दिन पहले शिवरात्रि पर भी यहां भंडारा हुआ था। इन आयोजनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में जमा होते हैं।
छुट्टी के कारण भंडारे में पहुंचे थे बच्चे-महिलाएं
सपना-संगीता टाकिज के सामने इलेक्ट्रानिक शोरूम के पीछे हादसा हुआ है। सर्वोदयनगर, पटेलनगर और स्नेह नगर से जुड़ा होने के कारण यहां तीनों कालोनियों के लोग पहुंचे थे। यह इलाका सिंधी बाहुल है। रामनवमी की छुट्टी होने के कारण भंडारे का आयोजन रखा था। इसलिए बच्चे और महिलाएं ज्यादा पहुंची थी।आसपास के होस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं भी पहुंच गई थी।
नेतागिरी करने पहुंच गए नेता
नेताओं तो अवसर का फायदा उठाने पहुंच गए। पीड़ित स्वजन और रहवासियों का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर खरीखोटी सुनाई।पूर्व विधायक अश्विन जोशी ने कहा अवैध निर्माण हुआ है। लोग नाराज हुए और कहा यह वक्त राजनीति का नहीं है।विधायक जीतू पटवारी और कांग्रेस नेता अरविंद बागड़ी को भी नाराजगी का सामना करना पड़ा। पटवारी को तो मंदिर परिसर से बाहर जाना पड़ा।
अनजान फिर भी एक दूसरे की मदद में जुटे
घायलों को निकालने में रहवासियों ने एकजुटता दिखाई। जब अस्पताल पहुंचाया तब भी मदद नें लगे रहे।पुलिस प्रशासन की टीम ने घायलों को टावर चौराहा स्थित निजी अस्पताल में भिजवाया। मृतकों को एमवाय अस्पताल भिजवाया। जिन लोगों के शव पहुंचे उनके स्वजन बदहवास थे, लेकिन फिर भी एक दूसरे की मदद में जुटे रहे।
निगम के रिकार्ड में है ही नहीं बेलेश्वर महादेव
झुलेलाल मंदीर की जिस बावड़ी ने एक दर्जन से ज्यादा जिंदगियां लील ली वह नगर निगम के रिकार्ड में शामिल ही नहीं है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि संभवत: यह बावड़ी इसलिए रिकार्ड में शामिल नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से ढंकी हुई है। पहली नजर में पता ही नहीं चलता कि यहां कोई बावड़ी भी है।
बेलेश्वर महादेव झुलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी से सीधी बात
प्रश्न - मंदिर अस्तित्व में कब आया।
जवाब - यह खेती की जमीन थी। किसान ने यह जमीन एक बाबा को करीब 60-65 वर्ष पहले मंदिर के लिए दी थी। बाबा के बाद उनके वंशज मंदिर में सेवा करते रहे। बाद में यह जमीन हमें मिली। अब हम मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहे हैं। लोग खुद इसमें मदद कर रहे हैं। यह काम ट्रस्ट के माध्यम से हो रहा है।
प्रश्न - गुरुवार को हुए हादसे में इतने लोगों की मौत हो गई। क्या यह आपकी जिम्मेदारी नहीं।
जवाब- कुछ दिन पहले ही शिवरात्री पर भी हजारों लोग जमा हुए थे। उस वक्त कोई हादसा नहीं हुआ। अब हादसे को लेकर हम क्या कर सकते हैं।
प्रश्न - नगर निगम ने अतिक्रमण को लेकर कई बार नोटिस भी जारी किया है
जवाब - हमने निगम के नोटिस का हर बार जवाब दिया है। हम अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं सिर्फ जीर्णोद्धार कर रहे हैं। अब जीर्णोद्धार में नया निर्माण तो करना ही पड़ता है।
प्रश्न - जो स्लेब गिरी वह कितनी पुरानी थी
जवाब - वह स्लेब करीब 45 वर्ष पुरानी है।
प्रश्न - हादसे में इतने लोगों की मौत हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
जवाब - मैं क्या कर सकता हूं। मैं तो दो महीने से बेड पर हूं। मेरी हड्डी टूटी हुई है।
प्रश्न - निगम ने अवैध निर्माण के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई की है क्या
जवाब - निगम ने कभी हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे निगम अफसर
जोन 18 के जोनल अधिकारी अतीक खान से सीधी बात
प्रश्न - जिस जगह हादसा हुआ है वह आपके जोन में आता है।
जवाब - जहां हादसा हुआ है वह जोन 12 और 18 की बाउंडरी पर है। हालांकि स्नेह नगर के गार्डन जोन 18 में ही आते हैं। मुझे अवैध निर्माण की जानकारी मिली थी। इस बारे में भवन अधिकारी ने नोटिस जारी किए हैं। कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह तो वे ही बताएंगे।
प्रश्न - जोनल अधिकारी के रूप में आपकी जिम्मेदारी नहीं है क्या
जवाब - जोनल अधिकारी के रूप में तो मेरी जिम्मेदारी है।
जोन 18 के भवन अधिकारी पीआर अरोलिया से सीधी बात
प्रश्न - जहां हादसा हुआ है वह आपके क्षेत्राधिकार में आता है।
जवाब- यह बावड़ी का हादसा है। जहां मंदिर का निर्माण किया है वह नया है। हमने नए निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की है।
प्रश्न - कब कार्रवाई की थी।
जवाब - एक वर्ष पहले 24 अप्रैल 2022 को नोटिस जारी किया था। इसके बाद काम रूकवा दिया था। बाद में मंदिर का काम फिर शुरू हो गया। हमने इसी साल जनवरी में मंदिर ट्रस्ट को नोटिस देकर काम रुकवाया था। दरअसल ट्रस्ट वाले मान ही नहीं रहे हैं। इस बारे में राजनीतिक दबाव भी आता है।