DevShayani Ekadashi 2023 इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। देवशयनी एकादशी पर 29 जून को भगवान विष्णु पांच माह (148 दिन) के लिए शयन पर जाएंगे। एकादशी पर विष्णु मंदिरों में सुबह भगवान का अभिषेक कर नवीन वस्त्रधारण कराकर माखन मिश्री का भोग लगाया जाएगा। संध्या आरती के बाद प्रभु शयन कराया जाएगा।इसके साथ मराठी भाषियों द्वारा दिंडी यात्रा निकाली जाएगी। चातुर्मास की शुरुआत के साथ ही मांगलिक कार्यों पर विराम भी लगेगा। भगवान के शयन के बाद सृष्टि के काम का संचालन महादेव संभालेंगे।
गोपाल मंदिर, वेंकटेश मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, लक्ष्मी नारायण में विभिन्न आयोजन होंगे। राजबाड़ा स्थित गोपाल मंदिर में सुबह पंचामृत अभिषेक होगा। इसके बाद माखन मिश्री का भोग लगाया जाएगा। यशोदा माता मंदिर में भी भगवान का विशेष शृंगार और दर्शन होंगे। बांके बिहारी मंदिर में भगवान का मोतियों की माला से शृंगार होगा। ज्योर्तिविद् शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार देवप्रबोधिनी एकादशी 23 नवंबर तक भगवान विष्णु योग निद्रा पर जाएंगे। इस बार अधिक मास होने से चार माह का पर्व चातुर्मास पांच माह का होगा। श्रावण अधिकमास का संयोग बनने से शिव आराधना का श्रावण माह 30 नहीं बल्कि 59 दिन का होगा। चातुर्मास में इस दौरान तीज-त्योहारों के उल्लास छाएगा।
समग्र मराठी समाज निकालेगा दिंडी यात्रा
समग्र मराठी समाज द्वारा शाम 6 बजे कृष्णापुरा छत्री से दिंडी यात्रा निकाली जाएगी।यात्रा में जय हरि विट्टल...श्रीहरि विट्टल के जयघोष करते हुए मराठी भाषी महालक्षमी मंदिर, वीर सावरकर मार्केट, यशवंत रोड होते हुए पंढरीनाथ मंदिर पंढरीनाथ चौराहा पर पहुंचेंगे।इसमें शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से निकलने वाली यात्राएं भी आकर शामिल होगी।पांडुरंग भजन मंडली नेहरू नगर द्वारा शाम 5 बजे तिलक पथ से दिंडी यात्रा निकाली जाएगी।भीमराव शिंदे और सुनील भरतरी खंडागले ने बताया कि यात्रा पिछले 50 वर्ष से निकाली जा रही है।यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए पंढरीनाथ मंदिर पहुंचेगी।
इस बार 19 साल बाद श्रावण मास के साथ अधिकमास का संयोग
इसबार 19 साल बाद श्रावण मास के साथ अधिकमास के संयोग बन रहा है।अधिकमास जिस महीने के साथ जुड़कर आता वह महीना बढ़कर 2 महीने का हो जाता है। श्रावण मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक 59 दिन रहेगा। इसमें से 18 जुलाई से 16 अगस्त तक श्रावण अधिक मास रहेगा।इस दौरान आठ सोमवार 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त,14 अगस्त,21 अगस्त, 28 अगस्त रहेंगे।
इसलिए बनता अधिकमास का संयोग
ज्योर्तिविद् कान्हा जोशी के अनुसार हर साल 11 दिन घट जाते है। इस तरह 3 साल में इन घटे हुए दिनों की संख्या 30 से 33 हो जाती है। इन्हें समायोजित करने के लिए 3 साल में एक अतिरिक्त माह आता है जिसे पुरुषोत्तम या अधिकमास कहते हैं। यह महीना जिस महीने में समावेश होता है वह महीना दुगना हो जाता है। इस बार इसका समावेश श्रावण माह के साथ हो रहा है। इसके चलते श्रावण मास के बाद आने वाले त्योहार 20-25 दिन आगे बढ़़ जाएंगे।