Plasma of millet News:अजय उपाध्याय. ग्वालियर। प्रदेशभर में बाजरा, कोदो व कुटकी के 500 प्रकार के जर्मप्लाज्मा(प्राकृतिक बीज) पाए जाते हैं। इनमें कुछ जर्मप्लाज्मा ऐसे भी पाए गए हैं, जिनमें किसी तरह का रोग नहीं लगता, लेकिन इनकी पैदावार कम है। इसको लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ऐसा बीज तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं, जो निरोगी होने के साथ अच्छी पैदावार दे सके। इसके लिए रोग न लगने वाले जर्मप्लाज्मा व अच्छी पैदावार देने वाले बीज के डीएनए को मिलाकर नया बीज तैयार होगा। जिससे पैदवार तो बढ़ेगी ही साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी और इस बीज में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी होगी।
निरोगी बीज होगा तैयार: कृषि विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष वरिष्ठ वैज्ञानिक डा़ मनोज त्रिपाठी का कहना है कि जिन जर्मप्लाज्मा में ब्लास्ट रोग नहीं लगता उन जर्मप्लाज्मा और तैयार हाईब्रिड बीजों को मिलाकर नया बीज तैयार किया जाएगा। जिसमें रोग भी नहीं लगेगा और पैदावार भी अच्छी होगी। इससे किसान अधिक से अधिक पैदावार कर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।
मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक
डा त्रिपाठी का कहना है कि मोटा अनाज कई बीमारियों से बचाव करता है। जैसे कोदो,कुटकी में शुगर व कैंसर आदि के रोग को नियंत्रित करने के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसी तरह से बाजरा के सेवन से पेट का डाइजेशन सही रहता है और सभी पोषक तत्व शरीर को मिल जाते हैं। जिस गति से लोगों में बीमारियां बढ़ी है उसको देखते हुए अब सरकार माेटे अनाज के उपयोग पर लोगों का ध्यान केन्द्रित करना चाहती है। जिसको लेकर इसकी पैदावार बढ़ाने के लिए हाइब्रिड बीज तैयार किए जा रहे हैं,इससे किसानों की आय भी बढ़े और अनाज की पैदावर भी बढ़े।
प्राकृतिक रूप से तैयार होने वाले बीज कहलाते हैं जर्मप्लाज्म
कृषि वैज्ञानिक डा़ सुषमा तिवारी का कहना है कि प्राकृतिक रूप से जंगल, बीहड़ में पैदा होने वाले बाजरा, कोदो व कुटकी के बीज को जर्मप्लाज्मा कहा जाता है। डा़ तिवारी का कहना है कि माल्यूकुलर मार्कर का उपयोग कर कोदो, कुटकी, बाजरा व शमा के करीब 50 ऐसे जर्मप्लाज्मा खोजे हैं, जिनमें ब्लास्ट(तना लाल व पीला होता)रोग नहीं लगता। ब्लास्ट रोग लगने से दाना पतला हो जाता है और पैदावार घट जाती है, जबकि इन अनाज के 500 से अधिक जर्मप्लाज्मा प्रदेशभर में मिले हैं जो जंगल व बीहड़ में अपने आप ही पैदा होते हैं।