Nauradehi Sanctuary: तेंदूखेड़ा(नईदुनिया न्यूज)। तीन जिले की सीमा में फैले मप्र के सबसे बड़े नौरादेही अभयारण्य में जहां वर्तमान में 12 बाघ अपने परिवार के साथ निवास कर रहे हैं। वहीं अब यहां पक्षियों पर भी अध्यन शुरू किया गया है। छह राज्यों से आए 22 छात्र और जैव विविधता प्रेमी विशेषज्ञों ने वनकर्मियों के साथ नौरादेही में पक्षियों की गणना की जिसमें 108 पक्षियों की प्रजाति उन्हे यहां मिली हैं। अभयारण्य में 11 वर्ड ट्रेल में दल को पक्षियों की प्रजातियों के साथ ही जैव विविधता वन्यजीव और वनस्पति का भी अध्ययन करना था जिसके बाद सर्वे रिपोर्ट तैयार होनी है।
जंगल में रवानगी से पहले सीसीएफ, डीएफओ के अलावा ओरिएंटल ट्रेल के पक्षी विशेषज्ञ द्वारा वालंटियर्स को पक्षी गणना, जैव विविधता के अध्ययन संबंधी रिपोर्ट तैयार करने ई-वर्ड एप पर पक्षियों के चित्र, उनकी आवाज, आवास संबंधी जानकारी अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया गया है।
गुरुवार को नौरादेही अभयारण्य में पक्षियों की चौथी गणना शुरू हुई है। इस बार इस अभियान में केवल पक्षी नहीं जैव विविधता में नजर आने वाले वन्यजीव और वनस्पति का भी अध्ययन किया जाएगा। छह राज्यों से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट वन्यजीवन पर अध्ययन कर रहे हैं।
छात्र और वनकर्मी चार दिन तक नौरादेही अभयारण्य में सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस दौरान नौरादेही अभयारण्य की मोहली, जमरासी, जगतराई, बरपानी, नौरादेही, सिलकुही, सर्रा, रमपुरा, उन्हारीखेड़ा और आमापानी बर्ड ट्रेल में पक्षियों की प्रजाति, उनकी संख्या और आवास व व्यवहार का अध्ययन करेंगे।
108 पक्षियों की मिली प्रजाति : अभयारण पहुंची टीम ने 12 जनवरी से पक्षी सर्वे गणना शुरू कर दी थी और 15 जनवरी रविवार को यह गणना खत्म हो गई। चार दिन चली गणना में अभयारण्य में 180 प्रजापति के पक्षी नौरादेही में मिले हैं। पक्षी गणना समापन समारोह कार्यक्रम नोरादेही की मुहली रेंज में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि नौरादेही अभयारण्य डीएफओ डीएस डोडवे थे। उन्होंने वनों के संरक्षण और प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे जीवन में सब कुछ एक दूसरे पर निर्भर है और आज के समय में वनों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।