सुशील पांडेय, भोपाल। सुबह की सुहानी फिजा, प्रकृति अपने असंख्य हाथों से जब ऊर्जा और उत्साह भरती है, तब शहर के लाफ्टर क्लब पार्कों और सामुदायिक भवनों में हंसी का खजाना बिखेरते हैं...। इस दौरान कोई शेर सा दहाड़ता है तो कोई दुम दबाकर भागता है, कहीं अंहकार रूपी रावण हुंकार भरता है तो कोई तीखी मिर्ची लगने का भाव करता यहां से वहां भागता है...। कुल मिलाकर हंसी की फुहार बिखेरने की ये पावन कोशिश आखिर में सार्थक होती है और फिर ठहाकों की गूंज से सब प्रकृति में सराबोर हो जाते हैं। राजधानी भोपाल में दो दर्जन से अधिक लाफ्टर क्लब हैं, जो रोजाना सुबह हंसी की पाठशाला लगाते हैं। विश्व हास्य दिवस पर हम ऐसे ही क्लबों के कार्यों के बारे में बता रहे हैं। मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष मई माह के पहले रविवार को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है जो इस वर्ष सात मई को है।
मनुष्य का नैसर्गिक स्वभाव है, लेकिन तेज रफ्तार से भागते दौर में कब ये स्वभाव गुम हो जाता है, पता ही नहीं चलता। कहते हैं हंसने से ज्यादा मूल्यवान कुछ भी नहीं, हर परिस्थिति में चेहरे पर हंसी का भाव बनाए रखना एक कला है, या यूं कहें कि ईश्वर की कृपा है। हंसी का खजाना जीवन में बना रहे, इसके लिए भोपाल में कुछ लाफ्टर क्लब भी काम कर रहे हैं। इस पावन कार्य का परिणाम ये है कि क्लब से जुड़े लोगों के जीवन में खुशियों के दीप रोशन हो गए हैं।
लाफ्टर क्लब के मास्टर भोपाल से
समाजसेवी सुनील दुबे बताते हैं कि भोपाल निवासी सीबी चंसोरिया को भोपाल में लाफ्टर क्लब का मास्टर माना जाता है। देश भर में उनके 82 क्लब संचालित हैं। वर्तमान में कमजोर स्वास्थ्य की वजह से उनकी सक्रियता कम हो गई है। पांच लाफ्टर क्लब की स्थापना मैंने की है, जिनका संचालन अब स्थानीय नागरिक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हास्य क्लब में नेचुरल हंसी के लिए हम सिंह लाफ, पपी लाफ, रावण लाफ, मिर्ची लाफ जैसी गतिविधियां कराकर लोगों को हंसाया जाता है। एक व्यक्ति विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालता है, जिसे देखकर मौजूद लोग स्वयं हंसने लगते हैं। दूसरा तरीका योग जैसा है, जिसमें एक स्थान पर एकत्रित होकर लोग जोर-जोर से हंसते हैं, वास्तव में यह बनावटी हंसी होती है लेकिन एक्सरसाइज इससे भी होती है। हास्य विशेषज्ञ उदय सिंह तोमर का मनाना है कि योग भी लाफिंग का हिस्सा है। क्लबों में बातचीत के लहजे, चेहरे के हावभाव से भी हंसाया जाता है। शरीर के अलग- अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह की हास्य व्यायाम हम कराते हैं।
फैक्ट फाइल
28- शहर में सक्रिय हास्य क्लबों की संख्या
1 घंटे प्रतिदिन होती हैं गतिविधियां
2 हजार से अधिक है सदस्य संख्या
मैं 65 साल की हूं और 13 साल से क्लब जा रही हूं। शुरू में मुझे लाफ्टर क्लब पसंद नहीं था क्योंकि मैं सोचती थी कि हंसना और रोना स्वाभाविक है, यह कृत्रिम नहीं हो सकता लेकिन जब मैं क्लब से जुड़ी तो मेरा नजरिया बदल गया। हंसना बहुत अच्छी थैरेपी है। यह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।
- नीलू हर्षे, ब्यूटीशियन
25 साल काम करके मैंने पाया कि हास्य सबसे बड़ी कोई मेडिसिन है। लफ्टर थैरेपी हार्ट के रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है। हर व्यक्ति को 24 घंटे में एक घंटे जरूर हंसना चाहिए। हंसाने का काम करने वाले लोग ईश्वर का वरदान हैं, जो हर जगह मिल जाएंगे, बस उन्हें पहचनाने की जरूरत है।
- प्रकाश पगारे, स्टैंडअप कामेडियन, भोपाल