Naidunia Navdunia Forum 5Th Session: नईदुनिया-नवदुनिया फोरम के पांचवे सत्र में जाने माने फिल्म निर्माता एवं निर्देश विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी बात कही। उन्होंने शुरुआत में कहा कि शुरुआती समय में वे भोपाल में रहते थे और उस समय भी वे नईदुनिया अखबार पढ़ते थे। इस सत्र का विषय था, फिल्म उद्योग एवं मप्र में संभावनाएं। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेरी बॉलीवुड से लड़ाई नहीं है मेरी लड़ाई सोच के साथ है जो भारत के मिडिल क्लास और शहर में रहने वाले लोगों के तिरस्कार से है। सिनेमा का मतलब एंटरटेनमेंट नहीं है। मैं अलग तरह के सिनेमा पर काम करता हूं जिसमें आप इंटरटेनमेंट के साथ अपना भी काम कर सकते हैं।
मैं अलग तरह के सिनेमा पर काम करता हूं जिसमें आप इंटरटेनमेंट के साथ अपना भी काम कर सकते हैं। मेरा पूरा प्रयास आज आम आदमी उसकी समस्याएं उसकी सोच पर रहता है। विवेक अग्निहोत्री ने वैक्सीन वार के बारे में कहा कि इसकी तैयारी में कश्मीर फाइल के पहले कर रहा था। कोरोना कल में पूरी दुनिया घर में बैठ गई थी सारी दुनिया बनी थी जिसमें सबका परिणाम मौत था लेकिन वैक्सीन के आने के बाद लोगों का मौत से डर चला गया था।
भारत में 90% लोगों को पता ही नहीं है कि वैक्सीन किसने बनाई है। मैंने वैक्सीन वार को विज्ञान की फिल्म की तरह नहीं देखा। वैक्सीन वार में महिला वैज्ञानिकों के योगदान की बात कही गई है। देश में कुछ मीडिया जरूर है ऐसा है जिसे मीडिया में से जर्नलिज्म निकल कर फेंक दिया है।
फिल्मी यात्रा में आने के बाद मैंने अपनी जरूरतें कम कर दी हैं। फिल्मों के लिए रिसर्च में लोगो की आपबीती सुनकर मैंने काला रंग चुन लिया। दो शर्ट पैंट में पूरा हफ्ता निकाल लेता हूं।
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