नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश में सक्रिय मानसून मंगलवार को आगे बढ़कर 17 नए जिलों में भी प्रवेश कर गया है। अब सिर्फ पूरे चंबल एवं ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में मानसून की दरकार है। वहीं, अरब सागर से लगे गुजरात में लगातार बन रही मौसम प्रणालियों के असर से मालवा-निमाड़ क्षेत्र में रुक-रुककर अच्छी वर्षा होने का सिलसिला जारी है।
प्रदेश के शेष जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिवनी में पांच, बैतूल में चार, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में दो, खजुराहो में दो, उमरिया में दो एवं नर्मदापुरम में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
प्रदेश में सबसे अधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस तापमान सीधी में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, बुधवार को उज्जैन, इंदौर एवं जबलपुर संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा होने की संभावना है।
भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है। इस चक्रवात से लेकर असम तक एक द्रोणिका बनी है। गुजरात के मध्य में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर मध्य प्रदेश से होते हुए बिहार तक एक द्रोणिका बनी हुई है।
महाराष्ट्र से केरल तक भी एक द्रोणिका बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर में मानसून लगातार सक्रिय बना हुआ है। साथ ही राजस्थान एवं गुजरात में चक्रवात बनने का सिलसिला भी जारी है।
इस वजह से महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा राजस्थान एवं गुजरात से लगे मध्य प्रदेश के जिलों (मालवा-निमाड़) में अच्छी वर्षा हो रही है। उधर, मध्य प्रदेश के आधे से अधिक हिस्से में मानसून सक्रिय रहने के कारण अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही हैं। इस दौरान कहीं-कहीं 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चल रही हैं।