भोपाल। प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का आचार संहिता के दौरान शहडोल कलेक्टोरेट जाना और कलेक्टर से बात करने को चुनाव आयोग ने आचार संहिता के खिलाफ मानते हुए नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस तामील करने के लिए डिंडौरी कलेक्टर को भेजा गया।
वहीं, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान गलत शब्दों के इस्तेमाल करने पर आयोग द्वारा दिए नोटिस का जवाब भेज दिया है। साथ ही पूरे घटनाक्रम की प्रमाणित वीडियो भी मांगी है ताकि विस्तृत जवाब दिया जा सके। शहडोल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा की तैयारियों को लेकर 20 अप्रैल की रात को मंत्री ओमकार सिंह मरकाम देर रात शहडोल कलेक्टर के कार्यालय गए थे। वे करीब 50 मिनट वहां रहे।
इस मामले में आयोग ने जवाब तलब किया था। अनूपपुर कलेक्टर और शहडोल कमिश्नर ने जांच कर रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजी थी। इसमें मंत्री का कलेक्टोरेट जाना तो प्रमाणित हुआ पर आचार संहिता के उल्लंघन की बात सामने नहीं आई। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि वे पार्टी अध्यक्ष की सभा से जुड़ी जरूरी अनुमतियों के लिए कलेक्टोरेट गए थे।
उन्होंने कलेक्टर की बैठक में हिस्सा नहीं लिया और कलेक्टर के कक्ष में बैठकर उनका इंतजार करते रहे। आयोग ने रिपोर्टों का परीक्षण करने के बाद मंत्री का कलेक्टोरेट जाना और कलेक्टर के साथ बात करने को नियम के विरुद्ध मानते हुए नोटिस जारी कर तामीली से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि डिंडौरी कलेक्टर को नोटिस तामीली के लिए भेज दिया गया है। वहीं, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गलत शब्दों के इस्तेमाल के मामले में नोटिस का जवाब भेज दिया है।
आयोग को भेजे जवाब में उन्होंने आपत्तिजनक भाषा के उपयोग से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ट्वीटर हैंडल पर स्वयं चौकीदार शब्द का उपयोग करते हैं। विस्तृत जवाब के लिए उन्होंने वीडियो की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी है। राजपूत पर आरोप है कि उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि 'मोदी चोर है और मोदी चौकीदार" है।