राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मप्र के विधि विभाग ने मप्र न्यायिक सेवा के सदस्यों के महंगाई भत्ता बढ़ाया है। महंगाई भत्ते में केंद्र के समान वृद्धि की है। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार, न्यायिक सदस्यों को एक जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत के स्थान पर 53 प्रतिशत दिया जाएगा और यह महंगाई भत्ता वेतन नहीं माना जाएगा।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने एमपी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता की बिना शर्त माफी मंजूर कर ली। इसी के साथ अधिवक्ताओं की राज्यव्यापी हड़ताल के बाद शुरू की गई अवमानना कार्रवाई समाप्त कर दी गई।
इससे पूर्व हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की जानकारी दी गई, जिसे अभिलेख में लेकर हाई कोर्ट ने मामले का पटाक्षेप कर दिया। एमपी स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने इसे प्रदेश के वकीलों के लिए बड़ी राहत बताया है।
दरअसल, मार्च, 2023 में एमपी स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर जबलपुर सहित समूचे प्रदेश के वकील हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद हाई कोर्ट ने संज्ञान आधारित जनहित याचिका की सुनवाई की व्यवस्था दे दी थी। प्रारंभिक सुनवाई में वकीलों को तत्काल कार्य पर वापस लौटने के निर्देश दिए गए थे।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश का हवाला देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि आदेश का पालन करते हुए काम पर नहीं लौटे तो इस रवैये को अवमानना की श्रेणी में रखकर अवमानना कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यही नहीं, उनका निष्कासन करने का आदेश भी पारित करने से गुरेज नहीं किया जाएगा।
इस आदेश की प्रति के साथ हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री के जरिए एमपी स्टेट बार के चेयरमैन, हाई कोर्ट बार जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार, जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा राज्य के सभी जिला व तहसील बार के अध्यक्षों को नोटिस जारी करने की व्यवस्था दी गई थी।