Bhopal Suicide Case: भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि। कमलनाथ सरकार में वन मंत्री रहे और गंधवानी से विधायक उमंग सिंघार पर भोपाल पुलिस ने सोमवार की देर रात खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। एक दिन पहले ही भोपाल में उनके निवास पर उनकी महिला मित्र सोनिया भारद्वाज ने फांसी लगा ली थी। उमंग सिंघार कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं और राहुल गांधी की टीम के सदस्य माने जाते हैं।
सुसाइड नोट और बयानों को बनाया आधार
पुलिस ने मृतका के पास से मिले सुसाइड नोट और उनके स्वजनों के बयानों को आधार बनाकर सिंघार पर एफआइआर दर्ज की है। सोमवार देर शाम तक स्वजनों के बयान चले थे। इसके बाद पुलिस ने विधिक सलाहाकारों से सलाह लेकर सिंघार के खिलाफ आइपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। एफआइआर के बाद उमंग सिंघार से बात करने के प्रयास किए गए लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका।
सुसाइड नोट में सिंघार के खिलाफ क्या था?
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार शाहपुरा स्थित विधायक उमंग सिंघार के निजी निवास पर सोनिया भारद्वाज के पास से सुसाइड नोट मिला है। उस सुसाइड नोट में उमंग सिंघार का नाम लिखा है। इससे यह पता चलता है कि सोनिया कहीं न कहीं सिंघार से भयभीत थी। जांच के दौरान कुछ वीडियो और फोटोग्राफ भी मिले हैं।
सोनिया के बेटे ने दिया बयान, दोनों के बीच होता था झगड़ा
अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने सोनिया के बेटे आर्यन और उनकी मां कुंती देवी के तीन घंटे तक शाहपुरा थाने में लिखित बयान दर्ज किए। दोनों ने विस्तार बताया कि सितंबर में सोनिया कांग्रेस विधायक के संपर्क में आई थी। उसके बाद से लगातार उनके संपर्क में थी। दोनों के बयानों में सोनिया और विधायक के बीच विवाद की बात भी सामने आई है। बेटे आर्यन ने पुलिस से कहा है कि जब भी उमंग सिंघार और मां के बीच विवाद होता था, मां अकसर विवाद के बाद उसे मुझे वीडियो कॉल कर पूरा मामला बताती थी।
दोपहर में लगाया था सरकार पर आरोप
सोमवार दोपहर को ही उमंग सिंघार ने सरकार पर आरोप लगाया था कि पुलिस के जरिए परिवार को बार-बार बयान लेकर परेशान किया जा रहा है।
सिंघार बोले- मजिस्ट्रियल जांच कराएं
एफआइआर से पहले उमंग सिंघार ने भोपाल रेंज के आइजी को आवेदन लिखकर अपील की थी कि वह एक जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए एफआइआर से पहले एक मजिस्ट्रियल जांच कराई जाए। सिंघार ने दावा किया कि सोनिया के सुसाइड नोट में ऐसा कुछ नहीं लिखा है, जिससे मेरे ऊपर खुदकुशी के लिए उकसाने का केस बने। सिंघार ने अपने आवेदन में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को लेकर हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया।