Bhopal AIIMS: आधे घंटे में लगेगा संक्रमण के वायरस का पता, भोपाल एम्स के मरीजों को मिलेगी सुविधा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव स्वास्थ्य अपूर्व चंद्रा ने भोपाल एम्स में मैट्रिक्स असिस्टेड लेजर डिसरप्शन आयनाइजेशन- टाइम ऑफ फ्लाइट मास स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री मशीन का शुभारंभ किया। इसके माध्यम से संक्रमण के वायरल का पता शीघ्रता से लगाया जाएगा। इससे अब मरीजों का सटीक उपचार करना जल्दी संभव हो सकेगा। भोपाल एम्स में चिकित्सा उपकरणों के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हुआ है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Sun, 23 Jun 2024 06:44:48 AM (IST)
Updated Date: Sun, 23 Jun 2024 06:45:35 AM (IST)
एम्स भोपाल में आईवीएफ स्किल लैब को जल्द शुरू किया जाएगा।- फाइल चित्र HighLights
- संक्रमण वायरस की जांच के लिए लगाई गई डेढ़ करोड़ की मशीन।
- एम्स भोपाल को मिली है सेंटर ऑफ रेयर डिजीज की मान्यता।
- पहले संक्रमण का पता लगाने में एक दिन का समय लगता था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एम्स भोपाल को सेंटर आफ रेयर डिजीज की मान्यता मिली है। इससे अब संक्रमण के लिए जिम्मेदार सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गेनिज्म) का पता आधे घंटे के अंदर चल जाएगा, जिसमें अब तक एक दिन का समय लगता था।
इसके लिए संस्थान में डेढ़ करोड़ की मैट्रिक्स असिस्टेड लेजर डिसरप्शन आयनाइजेशन- टाइम ऑफ फ्लाइट मास स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री मशीन लगाई गई है।
इसकी शुरुआत शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव स्वास्थ्य अपूर्व चंद्रा ने की। इस मौके पर अतिरिक्त सचिव डाॅ. जयदीप मिश्रा और एम्स के निदेशक डाॅ. अजय सिंह मौजूद रहे। इस दौरान एम्स में आईवीएफ स्किल लैब भी शुरू की गई। इसके साथ ही एम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन रेयर डीजीज की मान्यता भी प्रदान की गई है।
प्रबंधन के अनुसार, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मान्यता मिलने से दुर्लभ रोगों के लिए दवाओं की खरीद के लिए तीन करोड़ का बजट भी मिला। इसके साथ चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए पांच करोड़ का बजट भी स्वीकृत हुआ है।
यह सुविधा मुख्य रूप से मध्य भारत प्रचलित आनुवंशिक विकारों जैसे सिकल सेल रोग, थैलेसीमिया और मस्कुलर डिस्ट्राॅफी के लिए मिली है। यह केंद्र हर वर्ष 10 हजार व्यक्तियों की जांच और लगभग एक हजार रोगियों के लिए निदान और प्रबंधन मुहैया कराएगा।
आईवीएफ स्किल लैब भी शुरू
एम्स भोपाल में आईवीएफ स्किल लैब को जल्द शुरू किया जाएगा। स्किल लैब कई डिजिटल सिमुलेटर के साथ एक प्रशिक्षण सुविधा है, जो डाॅक्टरों को आईवीएफ प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में बांझपन उपचार और आवश्यक विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे हिस्टेरोस्कोपी, डिंब पिक अप और भ्रूण स्थानांतरण का अभ्यास करने में सक्षम बनाती है।