Chaitra Navratri 2023: बड़वानी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर सेंधवा के पास सतपुड़ा की वादियों में स्थित मां बिजासन देवी का धाम तीन राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्रवासियों के लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। मंदिर परिसर में दो राज्यों और तीन विकासखंडों की सीमाएं लगती हैं। देवी का मंदिर मध्य प्रदेश की सीमा के भीतर है, तो भगवान शिव का मंदिर महाराष्ट्र की सीमा के दायरे में है।
इतिहास
150 से अधिक वर्ष पुराने मंदिर में नवरात्र के नौ दिनों तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। नवरात्र उत्सव के दौरान माता के भक्त मां बिजासन देवी के दर्शन-पूजन करते हैं, वहीं पहाड़ी की चढ़ाई चढ़कर भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव के दरबार में भी आराधना के लिए पहुंचते हैं। महाराष्ट्र, गुजरात व निमाड़ क्षेत्र के कई समाजों की कुलदेवी माता होने से श्रद्धालु यहां दर्शन, पूजन व मन्नत उतारने के लिए आते हैं।
दोनों राज्यों के श्रद्धालुओं की आस्था के कारण दोनों स्थानों के प्रशासन का आपस में समन्वय है। इससे मंदिर के सारे आयोजन व कार्य निर्विघ्न होते हैं, तीन राज्यों के कई समाजों की कुलदेवी माता भी बिजासन देवी ही हैं, इसलिए यहां पर नवरात्र सहित पूरे वर्ष में मन्नत उतारने के कार्यक्रम भी होते रहते हैं। यहां से ज्योत लेकर श्रद्धालु वापस अपने गांव जाते हैं।
नवरात्र में प्रतिदिन माता का विशेष शृंगार होता है। माता का स्वर्णाभूषणों से विशेष शृंगार किया जाता है। इसके दर्शन के लिए हजारों भक्त प्रतिदिन यहां आते हैं। नवरात्र में विविध अनुष्ठान भी होंगे। - कन्हैया भाई, मंदिर के पुजारी
सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर आस्था का मेला लगता है। माता के मंदिर के साथ ही शिव मंदिर भी विराजमान है। दोनों ही राज्यों का शासन-प्रशासन पूरा सहयोग करता है। तीन विकासखंड में सेंधवा, निवाली व वरला क्षेत्र की सीमाएं भी लगती हैं। - मोहन जोशी, मंदिर समिति