MP Elections Results: कांग्रेस विधायकों के खिलाफ रही एंटी इनकंबेंसी, 68 में से 57 हारे मप्र विधानसभा चुनाव
Congress MLA loss कांग्रेस का 60 प्रतिशत विधायकों पर दांव लगाने का निर्णय गलत साबित हुआ। मप्र विधानसभा चुनाव में 68 में से 57 विधायकों को हार का सामना करना पड़ा।
By Neeraj Pandey
Edited By: Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 05 Dec 2023 11:38:59 PM (IST)
Updated Date: Wed, 06 Dec 2023 07:49:01 AM (IST)
कांग्रेस विधायकों के विरुद्ध रही एंटी इनकंबेंसी HighLights
- कांग्रेस विधायकों के विरुद्ध रही एंटी इनकंबेंसी
- 68 में से 57 विधायक हारे मप्र विधानसभा चुनाव
- कांग्रेस का विधायकों पर ही दांव लगाना पड़ा भारी, सिर्फ 29 ही जीत सके
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने पिछली विधानसभा के 95 विधायकों में 86 पर भरोसा जताते हुए इस बार भी उनको चुनाव लड़ाया। इनमें से 57 चुनाव हार गए। 29 विधायक ही पार्टी के निर्णय पर खरे उतरे। दरअसल, कांग्रेस भले ही भाजपा सरकार की एंटी इनकंबेंसी के आधार पर अपनी जीत का दावा कर रही थी, लेकिन वास्तव में एंटी इनकंबेंसी उसके ही विधायकों को लेकर अधिक रही।
यही कारण है कि कांग्रेस का 60 प्रतिशत विधायकों पर दांव लगाने का निर्णय गलत साबित हुआ, जो 29 विधायक दोबारा जीतकर आए हैं, उनमें सर्वाधिक सात छिंदवाड़ा जिले के हैं। यहां पार्टी ने फिर सभी सात सीटें जीती हैं।
ये विधायक जीते
उपचुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस के 96 विधायक रह गए थे। इनमें से बड़वाह से विधायक सचिन बिरला ने इस बार भाजपा से चुनाव लड़ा। घोड़ाडोंगरी से ब्रह्मा भलावी, मुरैना से राकेश मावई, गोहद से मेवाराम जाटव, गुन्नौर से शिवदयाल बागरी, कटंगी से टामलाल सहारे, ब्यावरा से रामंचद्र दांगी और सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत का टिकट काट दिया था। भोपाल उत्तर से विधायक आरिफ अकील के स्थान पर उनके पुत्र आतिफ अकील और झाबुआ में कांतिलाल भूरिया के स्थान पर उनके पुत्र डा. विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया था। ये दोनों चुनाव जीत गए।
अति आत्मविश्वास बना हार का कारण
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सभी विधायक अति आत्मविश्वास में आ गए थे और यह मानकर चल रहे थे कि भाजपा के विरुद्ध सत्ता विरोधी लहर है और उसका लाभ उन्हें मिलेगा पर परिणामों से साफ है कि एंटी इनकंबेंसी भाजपा सरकार के नहीं, उनके विरुद्ध थी, जिसे वे भांप ही नहीं पाए।
भाजपा के 97 में से 72 विधायक जीते
पिछली विधानसभा में भाजपा के 127 विधायक थे। इनमें से पार्टी ने 97 पर इस बार भी विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा था। 72 विधायक दोबारा जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। 25 विधायक चुनाव हार गए। इनमें 12 मंत्री हैं। ऐसे में, भाजपा ने जिन विधायकों पर दांव लगाया, उनमें 75 प्रतिशत से अधिक जीतकर आए हैं। उधर, 82 पुराने चेहरों को भी मौका दिया गया था। इनमें भी 57 जीते। 47 नए चेहरों पर दांव लगाया गया था, जिनमें से 34 ने चुनाव जीतकर पार्टी के निर्णय को सही सिद्ध किया।
कांग्रेस के ये विधायक चुनाव हारे
- बैजनाथ कुशवाह- सबलगढ़
- डा. गोविंद सिंह- लहार
- प्रवीण पाठक-ग्वालियर दक्षिण
- लाखन सिंह यादव-भितरवार
- घनश्याम सिंह-सेंवढ़ा
- केपी सिंह-शिवपुरी
- लक्ष्मण सिंह-चाचौड़ा
- गोपाल सिंह चौहान-चंदेरी
- हर्ष यादव-देवरी
- तरवर सिंह लोधी- बंडा
- नीरज दीक्षित- महाराजपुर
- विक्रम सिंह- राजनगर
- आलोक चतुर्वेदी- छतरपुर
- नीलांशु चतुर्वेदी- चित्रकूट
- कल्पना वर्मा- रैगांव
- कमलेश्वर पटेल- सिहावल
- विजय राघवेंद्र सिंह- बड़वारा
- संजय यादव- बरगी
- विनय सक्सेना-जबलपुर उत्तर
- तरुण भनोत- जबलपुर पश्चिम
- भूपेंद्र मरावी- शहपुरा
- हिना कांवरे- लांजी
- अर्जुन काकोरिया- बरघाट
- संजय शर्मा- तेंदूखेड़ा
- सुनीता पटेल- गाडरवारा
- सुखदेव पांसे- मुलताई
- निलय डागा- बैतूल
- धरमू सिंह सिरसाम- भैंसदेही
- देवेंद्र पटेल-उदयपुरा
- शशांक भार्गव- विदिशा
- बापू सिंह तंवर- राजगढ़
- प्रियव्रत सिंह- खिलचीपुर
- विपिन वानखेड़े- आगर
- हुकुम सिंह कराड़ा- शाजापुर
- कुणाल चौधरी- कालापीपल
- सज्जन सिंह वर्मा- सोनकच्छ
- विजयलक्ष्मी साधौ- महेश्वर
- रवि जोशी-खरगोन
- मुकेश पटेल- आलीराजपुर
- वाल सिंह भूरिया-पेटलावद
- पांचीलाल मेढ़ा- धरमपुरी
- विशाल पटेल- देपालपुर
- संजय शुक्ला- इंदौर एक
- जीतू पटवारी- राउ
- दिलीप सिंह गुर्जर- नागदा खाचरोद
- रामलाल मालवीय- घटिया
- हर्ष विजय गेहलोत-सैलाना
- मनोज चावला- आलोट
- अजब सिंह कुशवाह- सुमावली
- रविंद्र सिंह तोमर- दिमनी
- अजय टंडन- दमोह
- सुनील सराफ- कोतमा
- डा. अशोक मर्सकोले- मंडला
- नर्मदा प्रसाद प्रजापति- गोटेगांव
- पीसी शर्मा- भोपाल दक्षिण पश्चिम
- चंद्रभागा किराड़े- पानसेमल
- मुरली मोरवाल- बडनगर