फेज: 5
चुनाव तारीख: 20 मई 2024
आरामबाग लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी। यहां हिंदी, बांग्ला और अंग्रेजी भाषाएं बोली जाती हैं। इस संसदीय सीट पर 2014 में तृणमूल और माकपा के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें तृणमूल की अपरूपा पोद्दार आफरीन अली ने माकपा के शक्तिमोहन मलिक को 3,46,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। अपरूपा को 7,48,764 वोट मिले थे, जबकि माकपा के शक्तिमोहन मलिक को 4,01,919 वोट प्राप्त हुए थे। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यह हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिले में है। यहां की आबादी लगभग 22,22,338 है। इसमें 92.51 फीसद ग्रामीण हैं, जबकि 7.49 फीसद शहरी। अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात यहां 30.68 और 3.34 फीसद है। 2017 की मतदाता सूची के अनुसार इस संसदीय क्षेत्र में 16,96,922 मतदाता हैं। स्थानीय मुद्दे और विधानसभा सीटें क्षेत्र की अर्थव्यवस्था आलू एवं धान की खेती पर आधारित है, इसलिए यहां चावल मिलें एवं कोल्ड स्टोरेज हैं। समय के साथ चावल मिलों एवं कोल्ड स्टोरेज को उन्नत नहीं किया गया। कोल्ड स्टोरेज की संख्या भी कम हैं। चूंकि यहां स्कूल एवं कॉलेज अधिक संख्या में हैं, इसलिए साक्षरता दर 81.03 फीसद है। शैक्षणिक संस्थानों की अधिकता के बावजूद एजुकेशन हब के तौर पर इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। क्षेत्र में विश्वविद्यालयों एवं तकनीकी संस्थान खोले जाने की मांग की जा रही है। महानगर से सहज संपर्क के लिए सड़क मार्ग का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें हैं, जिनमें हरिपाल, तारकेश्वर, पुरसुड़ा, आरामबाग, गोघाट, खानाकुल और चंद्रकोना हैं। आरामबाग की खास बातें आरामबाग, पश्चिम बंगाल का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह आरामबाग उपखंड का मुख्यालय है। यह क्षेत्र द्वारकेश्वर नदी के पास स्थित है। यहां पर चावल और आलू का खेती बड़ी मात्रा में होती है। नेताजी महाविद्यालय, आरामबाघ महिला कॉलेज, श्री रामकृष्ण शारदा विद्यामहापीठ कॉलेज, राजा राम मोहन राय महाविद्यालय, रविंद्र महाविद्यालय यहां के प्रमुख कॉलेज हैं। रक्षा काली माता मंदिर, सोनी मंदिर, शिव मंदिर, बाबर मंदिर, काली मंदिर यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। दिल्ली से आरामबाग की दूरी 1,430.3 किलोमीटर है।