फेज: 6
चुनाव तारीख: 25 मई 2024
करनाल लोकसभा सीट दिग्गजों की हार के लिए पहचान रखती है। यही वह सीट है जहां पर राजनीति के पीएचडी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल को हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद से ही उनकी राजनीति की पीएचडी खत्म हो गई थी। भाजपा की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज करनाल से एक अदद जीत के लिए तरस गई थी। करनाल सीट को ब्राह्मण सीट के तौर पर पहचाना जाता है। लेकिन पिछले चुनाव में यह मिथ टूटा था और यहां से भाजपा प्रत्याशी अश्विनी कुमार चोपड़ा को जीत मिली थी। साल 2014 में मोदी लहर में करनाल से भाजपा के अश्विनी चोपड़ा ने शानदार तरीके से जीत हासिल की थी. अश्विनी कुमार ने यहां से दो बार लगातार कांग्रेस से सांसद रहे डॉ. अरविंद शर्मा को 3,60,147 वोटों से हराया था। भाजपा से अश्विनी कुमार को कुल 5,94,817 वोट मिले, जबकि अरविंद शर्मा को 2,34,670 वोट पड़े थे। इसके बाद भाजपा के संजय भाटिया 2019 के चुनाव में जीते थे। करनाल सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। 1951 से अब तक कांग्रेस नौ बार यहां से चुनाव जीती है। चार बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। करनाल लोकसभा में नौ विधानसभा सीट शामिल हैं करनाल लोकसभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं। करनाल व पानीपत जिले के मतदाता करनाल लोकसभा सीट के तहत ही आते हैं। नीलोखेड़ी, इंद्री, करनाल, घरौंडा, असंध, पानीपत ग्रामीण, पानीपत सिटी, इसराना और समालखा विधानसभा इस लोकसभा में शामिल हैं। 2014 के चुनाव में यहां कुल 12,64,907 वोटर थे। इतिहास के झरोखे से करनाल लोकसभा सीट के तहत आने वाले करनाल व पानीपत जिला देश के इतिहास में अहम स्थान रखते हैं। पानीपत की धरती पर हुए तीन युद्ध भारतीय इतिहास में अमिट हैं। मोहम्मद गौरी व पृथ्वी राज चौहान के बीच में तरावड़ी में लड़ाई हुई थी। यहां आज भी पृथ्वी राज चौहान का किला है। करनाल जिले के कई गांव कुरुक्षेत्र की 48 कोस की जमीन के दायरे में आते हैं। करनाल में कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं, जिसमें कृषि उपकरण, राइस शैलर, वनस्पति, तेल व दवाइयां तैयार की जाती हैं। पानीपत का हैंडलूम उद्योग विश्व स्तर पर अपनी पहचान रखता है। पर्यटक के लिहाज से कर्ण लेक, कलंदर शाह, छावनी चर्च और सीता माई मंदिर खास हैं। ये दिग्गज हारे भजनलाल को अपने जीवन में पहली बार 1999 में हार का यहीं पर मुंह देखना पड़ा। भाजपा की सुषमा स्वराज 3 बार 1980, 1984 और 1989 में हारी। चार दफा करनाल से जीत दर्ज करने वाले पंडित चिरंजी लाल अंतिम चुनाव यहां से 1996 में हार गए। करनाल लोकसभा क्षेत्र के मुद्दे 1. करनाल नेवल हवाई पट्टी को घरेलू हवाई अड्डे के रूप में विकसित करना। पिछले लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उठा था। उस समय भाजपा ने वादा किया था कि करनाल में हवाई अड्डा बनाया जाएगा। लेकिन यह मुद्दा जस का तस बना हुआ है। 2. करनाल में फार्मा हब बनाना। रोजगार व करनाल के विकास की दृष्टि से सीएम मनोहर लाल ने लोगों से वादा किया था कि करनाल को फार्मा हब बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन भी तलाश की गई, लेकिन अभी भी यह प्रोजेक्ट फाइलों ही दबा हुआ है। 3. सिक्स लेन राष्ट्रीय राजमार्ग के समानांतर एक और आठ मार्ग का हाईवे तैयार करना। यह हाईवे यमुना नदी के किनारे बनाए जाने की बात सामने आई थी लेकिन इस सरकार में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। इस बार यह मुद्दा भी जोरशोर से उठाया जाएगा। 4. टूटी सड़कें-लोकसभा चुनाव में टूटी सड़कों और स्टेट हाइवे की खस्ताहालत को मुद्दा बनाया जाएगा। खासकर करनाल शहर को कस्बों से जोड़ने वाली सड़कें खराब हैं। चुनाव में विपक्षी इसे मुद्दा बनाएंगे। करनाल के ये बने सांसद 1952-57- वीरेंद्र कुमार सत्यवती -कांग्रेस, 1957-62-सुभद्रा जोशी -कांग्रेस, 1962-67- स्वामी रामेश्वरानंद -जनसंघ, 1967-71- माधो राम शर्मा-कांग्रेस, 1971-77- माधो राम शर्मा-कांग्रेस, 1977-80- मोहिंद्र सिंह लाठर-जनता पार्टी, 1977-80- भगवत दयाल शर्मा-जनता पार्टी, 1980-84- पंडित चिरंजी लाल शर्मा-कांग्रेस, 1984-89 पंडित चिरंजी लाल शर्मा-कांग्रेस, 1989-91-पंडित चिरंजी लाल शर्मा-कांग्रेस ,1991-96-पंडित चिरंजी लाल शर्मा-कांग्रेस, 1996-98- आइडी स्वामी-भाजपा, 1998-99- भजनलाल-कांग्रेस, 1999-04- आइडी स्वामी-भाजपा, 2004-2009- अरविंद कुमार शर्मा-कांग्रेस, 2009-2014- अरविंद कुमार शर्मा-कांग्रेस, 2014-2019 -अश्विनी चोपड़ा-भाजपा, 2014-2019 - संजय भाटिया- भाजपा करनाल की खास बातें हरियाणा में स्थित करनाल एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह हरियाणा के 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह शहर यमुना नदी के किनारे स्थित है। दंतकथा के अनुसार करनाल शहर को महाभारत के राजा कर्ण ने बसाया था। राजा कर्ण के नाम पर ही शहर का नाम करनाल पड़ा है। यहां 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विरेंद्र कुमार सत्यवादी ने जीत हासिल की थी। घरौंड़ा, नीलोखेड़ी, असन्ध, इन्द्री और तरावड़ी इसके मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। करनाल अपने अनाज, कपास और नमक के बाजार के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर मुख्यत: धान की खेती की जाती है। यहां के कलन्दर शाह गुम्बद, छावनी चर्च और सीता माई मन्दिर पर्यटन स्थल प्रमुख हैं। यह सभी बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। दिल्ली से इसकी दूरी 117 किलोमीटर है।