फेज: 5
चुनाव तारीख: 20 मई 2024
पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हावड़ा शहर का इतिहास 500 वर्ष पुराना है। हावड़ा सदर संसदीय क्षेत्र के तहत स्थित हावड़ा रेलवे स्टेशन न सिर्फ बंगाल, बल्कि देश के अहम रेलवे स्टेशनों में से एक है। हावड़ा स्टेशन रेल मार्ग के जरिए देश के लगभग सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि इसे पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। कभी औद्योगिक विकास के लिए देश में मशहूर रहा हावड़ा आज अपनी पुरानी पहचान का मोहताज है। बात अगर राजनीति गतिविधियों की करें तो हावड़ा संसदीय क्षेत्र पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा का लंबे समय तक एकछत्र राज रहा है। 1957 से 2009 के बीच माकपा का इस क्षेत्र पर साढ़े चार दशकों तक राजनीतिक कब्जा रहा, हालांकि 1998 में तृणमूल के गठन के बाद पहली बार तृणमूल ने परचम लहराया। तब से तृणमूल इस सीट पर काबिज रही। हावड़ा सदर संसदीय क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें हैं। 2006 में परिसीमन के बाद इस लोकसभा सीट में बाली, हावड़ा उत्तर, हावड़ा मध्य, शिवपुर, हावड़ा दक्षिण, सांकराइल और पांचला विधानसभा सीटों को शामिल किया गया था। डेमोग्राफी, विकास और मुद्दे 2011 की जनगणना के अनुसार हावड़ा सदर संसदीय क्षेत्र की जनसंख्या 15,05,099 है। इनमें पुरुष मतदाता 53.33 फीसद और महिला मतदाता 46.67 फीसद हैं। शिक्षा दर 83.31 फीसद है। लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 875 महिलाएं हैं। इस इलाके से एनच-6 और एनच-2 जैसी दो अहम सड़कें गुजरती हैं। सांसद के प्रयास से इलाके में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने का प्रयास किया गया है। सांसद मद से इलाके में रोशनी, सड़कें व पेयजल की सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया गया है। हावड़ा में जूट उद्योग का स्वरूप एक समय काफी महत्वपूर्ण व बड़ा था। यहां की मिलें हजारों लोगों के लिए रोजगार का जरिया थीं। हालांकि समय के साथ तमाम प्रकार की समस्याओं के कारण ज्यादातर मिलें बंद हो गईं। जो मिलें चल रही हैं, उनकी हालत भी अच्छी नहीं हैं। आए दिन जूट मिलों में श्रमिकों का गतिरोध व उत्पादन बंद होने की खबरें आती रहती हैं। चुनावी दौर में यह विषय तमाम राजनीतिक दलों के लिए मुद्दा बनता है। हावड़ा की खास बातें हावड़ा संसदीय क्षेत्र पश्चिम बंगाल के 42 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। हुगली नदी के तट पर बसा यह इलाका बंगाल का प्रमुख हिस्सा माना जाता है। हावड़ा और कलकत्ता को जुड़वां शहर भी कहा जाता है। इस क्षेत्र का नाम हुगली नदी पर बने हावड़ा ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। क्षेत्र का इतिहास प्राचीन बंगाली राज्य भुरशुट से जुड़ा है, जिनका यहां शासन था। हावड़ा अपने उद्योगों, रेलवे टर्मिनल और हावड़ा ब्रिज के लिये जाना जाता है।