फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
कोलकाता से सटी दमदम लोकसभा सीट उत्तर 24 परगना जिले के तहत आती है। 6 फरवरी, 1757 को बंगाल के तत्कालीन नवाब ने दमदम को अंग्रेजों के सुपुर्द कर अपने हिसाब से तैयार करने को कह दिया था। 1783 में दमदम सैन्य छावनी की स्थापना की गई और सेना के लिए बैरक बनाए गए। पहले दमदम को 'डोमडोमा’ के तौर पर जाना जाता था। औपनिवेशिक काल में इसके भौगोलिक ढांचे की वजह से ही ब्रिटिश सरकार ने इसे अलग तरह से विकसित किया, जहां सेना के लिए छावनी थी और सरकारी शस्त्रागार थे। 1884 में यहां आर्डिनेंस फैक्टरी की स्थापना की गई। दमदम संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं, जिनमें खड़दह, दमदम उत्तर, पानीहाटी, कमरहïट्टी, बरानगर, दमदम और राजारहाट-गोपालपुर शामिल हैं। इलाके में यूं तो वर्चस्व तृणमूल का है। भाजपा की बढ़ती पैठ और माकपा की पहले से मौजूदगी सियासी समीकरण को जटिल बना रहा है। 1990 के दशक के अंतिम चरण में तपन सिकदर बतौर भाजपा उम्मीदवार जीते थे। तब तृणमूल-भाजपा में गठबंधन था। डेमोग्राफी यहां की जनसंख्या मिश्रित है। यहां भी हिंदीभाषियों की अच्छी तादाद है। यहां की 98 फीसद आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। रोजगार के लिए कई कल-कारखाने हैं, जबकि कुछ लोग कोलकाता में काम करते हैं और उनका ठिकाना थोड़ी दूरी पर बसा दमदम है। तकरीबन 10 फीसद आबादी अनुसूचित जनजातियों की है। महानगर से सटे होने और शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां अधिकतर लोगों के जीविकोपार्जन का जरिया रोजगार ही है। विकास का हाल दमदम नगरपालिका के तहत पड़ने वाले इलाकों में बुनियादी ढांचे को लेकर किया गया काम जमीनी स्तर पर दिखता है। दमदम संसदीय क्षेत्र के लिए सांसद निधि के तहत 25 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। विकास संबंधी कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये पूरे जारी कर दिए गए। सौगत राय इसमें से 90 फीसदी से अधिक राशि खर्च करने का दावा करते हैं। स्थानीय मुद्दे इलाके में असामाजिक तत्वों की उपस्थिति और सत्तारूढ़ दल पर उन्हें आश्रय देने का आरोप लगता रहा है। बीते साल अक्टूबर में यहां भीड़भाड़ वाले काजीपाड़ा मोड़ पर बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी और 10 घायल हुए थे। विपक्ष की ओर से बरसात के मौसम में जल निकासी और डेंगू का प्रकोप प्रमुख मुद्दा बनाया जा सकता है। दमदम की खास बातें दमदम, पश्चिम बंगाल का एक शहर है। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। दमदम मोतीझील कॉलेज, दम दम मोतीझील रविंद्र महाविद्यालय, रामकृष्ण सारदा मिशन विवेकानंद विद्याभवन यहां के प्रसिद्ध शैक्षिण संस्थान हैं। दिल्ली से दम दम की दूरी 1,488.8 किलोमीटर है।