फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
उत्तर 24 परगनी जिले का बसीरहाट- लोकसभा सीट बांग्लादेश से सटा हुआ है। 2,217 किलोमीटर का दायरा पड़ोसी मुल्क से सटा हुआ है। बीते सालों में यह क्षेत्र सुर्खियों में रहा है। पहली बार यहां 1952 में लोकसभा के लिए मतदान किया गया था। यहां के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में टेंपल ऑफ फेम, फ्लैग स्टाफ हाउस, गांधी घाट, मचरंगा द्वीप हैं। हिरणों की सुरक्षा के लिए यहां पर पारमदान डियर पार्क भी प्रमुख दर्शनीय स्थल है। इस क्षेत्र में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र कॉलेज, बारासात कॉलेज, राष्ट्रगुरु सुरेंद्रनाथ कॉलेज, बसीरहाट कॉलेज प्रमुख शैक्षिक संस्थान हैं। 1977 में भारतीय लोकदल की जीत के बाद 1980 से 2004 तक इस सीट पर सीपीआई का कब्जा रहा। 2009 के संसदीय चुनावों में सीपीआई को शिकस्त मिली और टीएमसी के शेख नूरुल इस्लाम ने जीत हासिल की। सात विधानसभा सीट यहां सात विधानसभा सीटें हैं, जिनमें बादुडिय़ा, हारोआ, मीनाखन, संदेशखाली, बशीरहाट दक्षिण, बशीरहाट उत्तर हिंगलगंज शामिल हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में स्वरूपनगर विधानसभा सीट को भी इसमें मिला लिया गया। 2009 से ही सीट पर तृणमूल कांग्रेस का वर्चस्व है। डेमोग्राफी बांग्लादेश से सटा यह संसदीय सीट मुस्लिम बहुल है। यहां की आबादी का करीब 65 फीसद कृषि और मछली पालन पर निर्भर है, जबकि बाकी आबादी शहरी रोजगार पर निर्भर है। इस सीट पर अनुसूचित जाति का भी वर्चस्व है। विकास का हाल यहां विकास का आधार मुख्य तौर पर कुटीर उद्योग है। कृषि, मछली पालन के बाद स्थानीय लोग कुटीर उद्योग पर अधिक आश्रित हैं। बांस से जुड़े रोजगार भी प्रमुख है। यहां विकास का हाल औसत है। साक्षरता दर तुलनात्मक तौर पर कम है, क्योंकि आबादी मुस्लिम बहुल है। स्थानीय मुद्दे बांग्लादेश से सटे होने के कारण यहां अवैध तस्करी अहम मुद्दा है। दो साल पहले हुए सांप्रदायिक दंगे के घाव अभी भी भरे नहीं है। चिकित्सा व्यवस्था का अभाव है। बीते साल यहां सर्वाधिक डेंगू के मामले प्रकाश में आए थे। बसीरहाट की खास बातें बसीरहाट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। पहली बार यहां 1952 में लोकसभा निर्वाचन के तहत मतदान किया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र उत्तर 24 परगना जिले का हिस्सा। है। यहां के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में टेंपल ऑफ फेम, फ्लैग स्टाफ हाउस, गांधी घाट, मचरंगा द्वीप हैं। हिरणों की सुरक्षा के लिए यहां पर पारमदान डियर पार्क भी प्रमुख दर्शनीय स्थल है। इस क्षेत्र में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र कॉलेज, बारासात कॉलेज, राष्ट्रगुरु सुरेंद्रनाथ कॉलेज, बसीरहाट कॉलेज प्रमुख शैक्षिक संस्थान है।