वर्धमान पूर्व लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। यह संसदीय क्षेत्र 1952 में देश के लिए हुए पहले लोकसभा चुनावों में अस्तित्व में नहीं था। भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में इसे संसदीय क्षेत्र बनाया गया। 2009 में यहां पहली बार लोकसभा निर्वाचन के लिए मतदान हुआ। दामोदर नदी के किनारे बसे इस जिले का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। इसका नामकरण 24वें जैन तीर्थकर महावीर के नाम पर हुआ है। मुगल काल में इसका नाम शरीफाबाद हुआ करता था। पार्श्वनाथ की पहाड़ियां जैनों का एक महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र था। यह भी वर्धमान जिले के सीमा से लगा हुआ है। गुप्त काल एवं सेन युग में वर्धमान का एक महत्वपूर्ण स्थान था। सल्तनत काल एवं मुगलकालों में वर्धमान एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था।
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