फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
कोलकाता से सटी बारासात लोकसभा सीट अपने ऐतिहासिक और भौगोलिक स्थिति के कारण प्रसिद्ध है। संसदीय राजनीति में यह सीट ज्यादातर समय वामपंथी दलों के पास रही है, जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा और फारवर्ड ब्लॉक के प्रतिनिधि संसद पहुंचते रहे हैं। बारासात लोकसभा सीट पर लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के बीच आमतौर पर मुकाबला रहा है। ब्रिटिश शासन के सयम ईस्ट इंडिया कंपनी के कलकत्ता में रहने वाले अंग्रेज अधिकारियों के लिए बारासात एक तरह से वीकेंड में छुट्टी मनाने की जगह हुआ करता था। यहां पर अंग्रेजों ने सुंदर सुंदर गार्डेन और इमारतें बनवाईं। वारेन हेस्टिंग ने बारासात शहर के बीच में अपना महल बनवाया। बंकीम चंद्र चटर्जी इस शहर के पहले भारतीय डिप्टी मजिस्ट्रेट हुए। यहां की आबादी शहरी है। लोग सांस्कृतिक तौर पर संगीत और कला से जुड़े हुए हैं और सभी धर्मों की इमारतें यहां देखी जा सकती हैं। जनगणना 2011 के मुताबिक बरसात की कुल आबादी 278,235 है, जिनमें 140,882 51 % पुरुष और 137,613 49 % महिलाएं हैं। इसमें 22,605 उनकी आबादी है जिनकी उम्र 6 साल से कम बताई गई थी। बारासात संसदीय क्षेत्र की साक्षरता दर 89.69 फीसद है। बारासात में 4.77% आबादी गांवों में रहती है जबकि 65.23% लोग शहरों में रहते हैं। इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 18.8 और 1.45 फीसदी है। मतदाता सूची 2017 के अनुसार बरसात संसदीय क्षेत्र में 1638780 मतदाता है जो 1835 बूथों पर वोटिंग करते हैं। 2014 के चुनावों में यहां 83.96% वोटिंग हुई थी जबकि 2009 में यह आंकड़ा 83.6% था। बारासात संसदीय क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीट है। इनमें हाबरा, अशोक नगर, राजरहाट न्यू टॉउन, बिधाननगर, मध्यमग्राम, बारासात और देगंगा शामिल हैं। बारासात की खास बातें बारासात लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। इस संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र उत्तरी 24 परगना जिले का हिस्सा है। 1600 में जेसोर के राजा शंकर चक्रवर्ती बारासात आए और यहीं पर अपनी राजधानी बनाई। उस समय के कई स्मारक आज भी मौजूद हैं। कोलकाता शहर से करीब होने और बागानों से घिरे होने की वजह से यहां अंग्रेज अफसर और बंगाल के पहले गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने विला बनवाया। इस क्षेत्र में हज़रत एकदिल शाह का मकबरा मुस्लिम समुदाय के लिए एक तीर्थ स्थल है। यहां बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं।