राजनांदगांव। कोरोना काल के बाद बसों में यात्रियों की कमी और डीजल के लगातार बढ़ती कीमत को लेकर परेशान बस आपरेटर यात्री किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर आपरेटरों ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन देकर बस आपरेटरों ने यात्री किराया में 40 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग की है, लेकिन अब तक बस आपरेटरों की मांग पर कोई विचार नहीं किया गया है।
इससे नाराज बस आपरेटरों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम आवेदन देकर आंदोलन की जानकारी दी। बताया कि अगर मांग पूरी नहीं की गई तो आने वाले आठ जुलाई को जिला मुख्यालय में बस संचालन परिवार, चालक-परिचालक, हेल्फर व क्लीनर के साथ बसों की बारात निकालेंगे। कलेक्ट्रोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देंगे। इसके बाद भी उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो 12 जुलाई को राजधानी रायपुर में महाधरना में शामिल होंगे। वहीं 13 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए बस सेवा बंद करेंगे। दूसरे दिन 14 जुलाई को रायपुर स्थित खारून नदी में सभी बस संचालक जल समाधि लेंगे। इस दौरान कोई अनहोनी हुई तो केंद्र व राज्य सरकार दोषी होगी।
जिला बस मिनी बस आपरेटर संघ के जिला अध्यक्ष रइस अहमद शकील ने कहा कि वर्ष 2018 के बाद यात्री किराया नहीं बढ़ा है। उस समय डीजल की कीमत 60 रूपये थी, लेकिन वर्तमान में डीजल का दाम हर रोज बढ़ रहा है। करीब 96 रूपये प्रति लीटर से पार होने की वजह से बस संचालकों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद 80 फीसदी बसों का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना की वजह से यात्रियों की कमी है। सवारी नहीं होने से बस संचालकों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। करीब 20 फीसदी बस संचालक इसी नुकसान और खर्चो को लेकर बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं।
13 से अनिश्चिकाल तक बस बंद
जिलाध्यक्ष रइस अहमद शकील ने कहा कि लगातार केंद्र व राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं। लेकिन जिस गति से डीजल के भाव बढ़ रहे हैं। उसी तरह बस आपरेटरों की मांग पर भी सरकार विचार करें। डीजल की कीमतें बढ़ने से बस आपरेटरों को परेशानी ही हो रही है। पिछले 16 माह से कोरोना काल के कारण भी बस आपरेटर नुकसान में सेवाएं दे रहे हैं। रइस ने कहा कि अगर आपरेटर संघ की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 13 जुलाई से अनिश्चितकाल बस सेवा बंद की करेंगे। इसकी जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।