महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया जयंती: रामगढ़िया ने औरंगजेब से लालकिला जीतकर फहराया था निशान साहिब का झंडा
रामगढिया सेवक सभा ने टाटीबंध में महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया की जयंती मनाई। सुखमनी साहिब का पाठ, अरदास और गुरुवाणी का कीर्तन गायन किया गया।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 19 May 2022 10:16:34 AM (IST)
Updated Date: Thu, 19 May 2022 10:16:34 AM (IST)
Maharaja Jassa Singh Ramgarhia Jayanti रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रामगढिया सेवक सभा ने टाटीबंध में महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया की जयंती मनाई। सुखमनी साहिब का पाठ, अरदास और गुरुवाणी का कीर्तन गायन किया गया। युवाओं को बताया गया कि महाराजा ने औरंगजेब से लालकिला जीतकर वहां निशान साहिब का झंडा फहराया था। इस अवसर पर रायपुर उत्तर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा और छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने रामगढ़िया सेवक सभा के पूर्व पदाधिकारियों एवं उनके स्वजनों को सरोपा और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
टाटीबंध गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी हरदीप सिंह और श्री गुरुसिंग सभा स्टेशन रोड के हेड ग्रंथी ज्ञानी अमरीक सिंह ने महाराज जस्सा सिंह रामगढिया की बहादुरी और जुल्म के खिलाफ लड़े गए युद्ध के बारे में बताया। महाराजा जस्सा सिंह रामगढिया कमांडर थे। उन्होंने अत्याचारी मुगल शासक औरंगजेब से लालकिला छीन कर उसमें निशान साहिब का झंडा फहराया था। लालकिला जीतने के बाद औरंगजेब के तख्त का फर्श उखाड कर उसे अमृतसर ले गए। स्वर्ण मंदिर परिसर स्थित रामगढ़िया बुंगा में वह फर्श आज भी देखा जा सकता है। जयंती कार्यक्रम में रागी सिंग, चनमीत सिंह, विक्रमजीत सिंह और देवेंद्र सिंह ने शबद कीर्तन का गायन किया।
रामगढ़िया सेवक सभा के अध्यक्ष जसविंदर सिंह राणा ने कहा कि रामगढ़िया बिरादरी सहित सर्वसमाज के लिए बेहतर काम करने का प्रयास करेगें। सचिव अटल सिंह हंसपाल ने कहा कि संस्था का गठन 1996 में हुआ था। सरोना रेलवे पुल के समीप पांच हजार वर्गफीट में बने रामगढ़िया सेवक सभा भवन सर्वसमाज के लिए नाम मात्र के शुल्क पर उपलब्ध कराया जाता है। कार्यक्रम में डा.दर्शन सिह मथारु, जीएस बांबरा, त्रिलोचन सिंह अज्जी, डा. एपीएस मथारु, राजविंदर सिंह गिल, चरनजीत सिंह हुन्जन, अमरदीप सिंह विरदी, फकीर सिंह मुद्दड़, बलविंदर कौर भामरा, जगदीश सिंह विरदी, इकबाल सिंह भामरा, जगदीश सिंह जब्बल समेत अनेक सदस्य शामिल रहे।