रायपुर। शिक्षा के साथ-साथ बालिकाओं को स्वच्छ रहने की शिक्षा देने के फार्मूले ने दुनियाभर में पहचान दे दी। हम बात कर रहे हैं राजधानी से शासकीय हाई स्कूल अड़सेना की प्राचार्य डा. स्मृति शर्मा की। उन्होंने समग्र शिक्षा के अंतर्गत रहकर छात्रावासी किशोर बालिकाओं के लिए विशेष मासिक स्वच्छता कार्यक्रम का सफल संचालन किया। किशोर बच्चों के लिए लिए जीवन कौशल शिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन किया है।
बच्चों में यौन उत्पीड़न के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम भी रखा। करीब 30 सालों के शिक्षा में योगदान पर वर्ल्ड एजुकेशन लीडर्स समिट एंड अवार्ड 2021 के लिए उन्हें चयनित किया गया है। करीब 25 देशों के संस्थानों से मिलकर बनी अंतरराष्ट्रीय संस्थान से यह अवार्ड डा. शर्मा को सात मार्च 2021 को मिला है। अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में यह अवार्ड आयोजक इंटरनेशनल सेंटर फार एक्सलेंस इन एजुकेशन (आइएनसीईईडी) एंड सोसायटी फार परपेटेशन आफ आर्ट, कल्चर एंड एजुकेशन (स्पेस) के तत्वाधान में मिला है।
छत्तीसगढ़ से इकलौती चुनी गईं डा. शर्मा
वर्ल्ड एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड में इस साल आउटस्टैंडिग कंट्रीब्यूशन इन एजुकेशन का अवार्ड छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की प्राचार्य डा. स्मृति शर्मा ने हासिल किया है। डा. शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में 30 साल लगातार काम किया है। डा. हरिसिंह गौर विवि में सहायक प्राध्यापक रहते हुए उन्हाेंने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) की फेलोशिप लेकर शोध कार्य किया।
मध्यप्रदेश एससीईआरटी के कई राज्य स्तरीय कोरगु्रप में सहभागिता निभाई। छत्तीसगढ़ एससीईआरटी, लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य ओपन स्कूल, समग्र शिक्षा, आरएमएसए आदि जगहों पर इन्होंने शिक्षा के लिए काम किया है। मूल्य शिक्षा पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेकर कई शोधपत्र पढ़े हैं। यूएनएफपीए की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में लिंकिंग आफ वोकेशनल सब्जेक्ट विथ रेगुलेट करिकुलम विषय पर शोध पर पत्र प्रस्तुत किया है।
कामन वेल्थ आफ लर्निंग कनाडा की ओर से आयोजित संगोष्ठी में सेंट्रल जेल रायपुर में ओपन स्कूल सेंटर द्वाररा सफल जेल इनमेंट्स का अध्ययन किया है। राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा कल्याण संस्थान श्रीपेरूम्बुदूर के लिए बालिका शिक्षा पर शोध कार्य किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संगठन पर इन्होंने अध्ययन करके शोधपत्र तैयार किया है।