मनेंद्रगढ़ (नईदुनिया न्यूज)। मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले के कई बसाहट में आज भी सुलभ आवागमन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। आपात स्थिति में मरीजों को खाट के सहारे सड़क तक ले जाकर अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था करनी पड़ती है।ऐसा ही एक मामला खड़गवां जिले के ग्राम पंचायत कटकोना के आश्रित ग्राम नेवारीबहरा पंडोपारा से सामने आया है। यहां विषैले जंतु के काटने से गंभीर गर्भवती महिला को स्वजन ने खाट में लिटाकर लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल ढोकर पहुंचाया। इसके बाद महिला को वाहन की सुविधा मिल सकी।बैकुंठपुर के एक निजी अस्पताल में पंडो महिला का उपचार चल रहा है। महिला को खाट में ढोकर ले जाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।
जानकारी के अनुसार विकासखंड खड़गवां के ग्राम पंचायत कटकोना के आश्रित ग्राम नेवारीबहरा पंडोपारा तक आने-जाने के लिए सड़क की व्यवस्था नहीं है। इसी बस्ती में रहने वाली पंडो जनजाति की गर्भवती सुमरिया पंडो को रविवार को विषैले जंतु ने काट लिया था। विष के प्रभाव से उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी थी। अस्पताल तक ले जाने की व्यवस्था कर पाना आसान नहीं था क्योंकि सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस अथवा निजी वाहन पंडोपारा तक नहीं पहुंच सकती थी। ऐसे में घर वालों ने गंभीर महिला को खाट पर लिटाया। चार व्यक्तियों ने उसे कंधे में ढोकर पैदल मुख्य सड़क तक पहुंचाया। लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर तक महिला को ले जाने के बाद वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए बैकुंठपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था।यहां भी चिकित्सकों ने महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रिफर कर दिया था। स्वजन की इच्छा बैकुंठपुर में ही उपचार कराने की थी।
ऐसे में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और जागरूक लोगों ने पंडो जनजाति की महिला के उपचार के लिए पहल की। सभी के सहयोग से उसे बैकुंठपुर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहां महिला की स्थिति में सुधार है।महिला को खाट पर ढोकर ले जाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ है। मनेन्द्रगढ़ जिले के कई बसाहट आज भी आवागमन की सुविधा से वंचित हैं। सड़क और पुल पुलिया नहीं होने के कारण वर्षा के दिनों में कई गांव पहुंचविहीन हो जाते हैं।