सूखा बीता सावन, नदी-नालों में अब भी जलभराव नहीं
सावन का महीना बीत गया है और नदी नाले अब भी सूखे पड़े हुए हैं। बारिश की कमी के चलते इस बार नदियों में उफान देखने को नहीं मिला है। नदी नालों के सूखे होने के कारण क्षेत्र में जलस्तर भी नीचे ही है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Wed, 25 Aug 2021 06:22:46 AM (IST)
Updated Date: Wed, 25 Aug 2021 06:22:46 AM (IST)
कांकेर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।सावन का महीना बीत गया है और नदी नाले अब भी सूखे पड़े हुए हैं। बारिश की कमी के चलते इस बार नदियों में उफान देखने को नहीं मिला है। नदी नालों के सूखे होने के कारण क्षेत्र में जलस्तर भी नीचे ही है। जिससे नलकूप से सिंचाई करने वाले किसानों के लिए भी समस्या बनी हुई है।
अल्प वर्षा के चलते इस वर्ष सावन का महीना पूरा बीत जाने के बाद भी नदियों व तालाबों में पर्याप्त जल भराव नहीं हुआ है और जल स्रोत अब भी खाली पड़े हुए हैं। शहर के मध्य से प्रवाहित होने वाली दूध नदी में अब तक एक बार भी बाढ़ नहीं आई है। दूसरी ओर शहर के अधिकांश तालाबों में पानी नहीं है। बारिश नहीं होने से एक ओर किसानों को अपने फसल की चिंता सता रही है, तो दूसरी ओर भूमिगत जलस्तर भी नीचे जा रहा है। जिले में इस वर्ष पिछले दस वर्ष की औषत वर्षा की तुलना में 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। जिले में पिछले दस वर्ष की वर्षा का औषत 1174 मिमी है। वहीं इस वर्ष 636 मिमी औषत वर्षा ही रिकार्ड की गई है। जो औषत वर्षा का 54 प्रतिशत ही है।
बारिश बंद होने के साथ बढ़ी उमस
क्षेत्र में बारिश बंद होने के बाद तापमान में फिर से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। साथ ही बढ़ती उमस से लोगों को बुरा हाल है। बारिश बंद होने के साथ घरों में लगे कूलर व एसी फिर से चालू हो गए हैं। लोगों को अब भी अच्छी बारिश का इंतजार।